पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का खूंटी से हारना रांची के सांसद संजय सेठ के लिए फायदेमंद साबित हुआ। मोदी कैबिनेट में उनको जगह दी गई है। रक्षा राज्य मंत्री के तौर पर कामकाज करने का मौका मिला है।
Highlights-
- संजय सेठ का अर्जुन मुंडा से मुलाकात।
- खूंटी से हारे अर्जुन मुंडा।
- संजय सेठ से पीएम प्रभावित।
- अर्जुन मुंडा के लिए मुश्किल दौर।
- वेट एंड वॉच की स्थिति।
संजय सेठ का अर्जुन मुंडा से मुलाकात।
शपथ लेने के बाद भाजपा सांसद संजय सेठ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और खूंटी के सांसद रहे अर्जुन मुंडा से मुलाकात की। दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। इस दौरान जो तस्वीरें सामने आई हैं वह देखने लायक है।
खूंटी से हारे अर्जुन मुंडा।
अर्जुन मुंडा को भरोसा था कि, इस बार भी खूंटी की जनता उन्हें दिल्ली भेजेगी लेकिन हुआ ऐसा नहीं। अगर अर्जुन मुंडा चुनाव जीत जाते तो बहुत मुमकिन था कि, उन्हे केंद्र में मंत्री बनाया जाता। आदिवासी चेहरा होने की वजह से भी उनको खास तवज्जो मिलती लेकिन खूंटी की जनता ने उन्हें नकार दिया। लिहाजा, संजय सेठ को दिल्ली में कामकाज करने का मौका मिला है।
संजय सेठ से पीएम प्रभावित।
संजय सेठ रांची से दूसरी बार सांसद बने हैं। उनके लिए प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक ने रोड शो किया है। अपने कामकाज से प्रधानमंत्री को प्रभावित करने वाले संजय सेठ पर प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया और उन्हें महत्वपूर्ण विभाग में काम करने का मौका दिया।
अर्जुन मुंडा के लिए मुश्किल दौर।
राजनीतिक तौर पर अर्जुन मुंडा के लिए यह मुश्किल दौर है। केंद्र में मंत्री पद गंवाने के साथ ही राज्य में उनकी भूमिका अभी कोई निश्चित नहीं है। बाबूलाल मरांडी बीजेपी में एक बड़ा आदिवासी चेहरा हैं। ऐसे में अर्जुन मुंडा की भूमिका क्या होगी। इसके लिए अभी इंतजार करने की जरूरत है। झारखंड में अक्टूबर नवंबर महीने में विधानसभा का चुनाव है। ऐसे में अर्जुन मुंडा के लिए कोई जगह बनाई जाती है या फिर वेट एंड वॉच की स्थिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहते हैं।
वेट एंड वॉच की स्थिति।
अर्जुन मुंडा झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर कामकाज कर चुके हैं। लिहाजा. उन्हें झारखंड की अच्छी समझ है। उनकी राजनीतिक शिक्षा झारखंड मुक्ति मोर्चा में हुई है। बहरहाल, एक तरफ संजय सेठ केंद्र में मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। तो दूसरी तरफ अर्जुन मुंडा फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं।