‘चुनावी मेंढक’ हैं ये नेता: जयराम की पार्टी ने किसके लिए कहा जानिए।

झारखंड/बिहार ताज़ा ख़बर विधानसभा चुनाव

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा से आजसू पार्टी में पलायन
पहले जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम के नेता दीपक महतो और उनके साथी आजसू पार्टी में शामिल हुए। इसके बाद जयराम महतो के करीबी और 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे संजय मेहता ने आजसू पार्टी का दामन थाम लिया।

क्या जेएलकेएम कमजोर हो रही है?

जेएलकेएम से नेताओं के पलायन पर केंद्रीय प्रवक्ता विजय कुमार सिंह का कहना है कि ये “चुनावी मेंढक” हैं। उनका मानना है कि चुनावी लाभ के लिए ये नेता कभी इस पार्टी में जाते हैं तो कभी उस पार्टी में। विजय कुमार सिंह ने दावा किया कि संजय मेहता के जाने से आजसू को कुछ सौ वोटों का इजाफा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे ना तो जयराम महतो की पार्टी को नुकसान होगा और ना ही आजसू पार्टी को कोई बड़ा फायदा होगा।

2024 के विधानसभा चुनाव में आजसू की हार

2024 के विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी ने बीजेपी के साथ एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा। हालांकि, इस चुनाव में एनडीए को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। आजसू को बड़ा नुकसान हुआ। पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए।

राजनीतिक जमीन बचाने की कोशिश

चुनावी पराजय के बावजूद आजसू पार्टी अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही है। हाल के दिनों में भाजपा से आए प्रभाकर तिर्की को पार्टी में शामिल कराया गया। इसके बाद, जेएलकेएम से दीपक महतो और फिर संजय मेहता ने आजसू का दामन थामा।

विजय कुमार सिंह का दावा

आजसू पार्टी के इन प्रयासों पर जेएलकेएम के प्रवक्ता विजय कुमार सिंह ने कहा कि, आजसू ने अपनी राजनीतिक जमीन खो दी है, जिसे वह अब वापस नहीं पा सकेगी। उनके अनुसार, पार्टी का यह कदम अपनी स्थिति मजबूत करने की बजाय असफल साबित होंगे।

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