वित्त रहित स्कूलों की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर, शिक्षक 13 मई को करेंगे मंथन।

झारखंड/बिहार रोज़गार समाचार

अनुदान में देरी, दर्जे की लड़ाई और न्यायालय की याचिकाएं: 13 मई को रांची में शिक्षकों का महत्त्वपूर्ण मंथन

रांची | राज्य के वित्त रहित इंटर कॉलेजों, उच्च विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों और मदरसों से जुड़े प्राचार्य, शिक्षक प्रतिनिधि और अध्यक्ष मंडल के सदस्यों के लिए 13 मई 2025 का दिन बेहद अहम होने वाला है। सुबह 11:30 बजे रांची के सर्वोदय निकेतन उच्च विद्यालय, धुर्वा में मोर्चा की एक निर्णायक बैठक बुलाई गई है। इसमें राज्यभर के शिक्षक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

बैठक में शिक्षक समुदाय से जुड़े कई वर्षों से लंबित और विवादित मुद्दों पर गंभीर चर्चा की जाएगी। इनमें अनुदान वृद्धि से लेकर राज्यकर्मी का दर्जा और न्यायालय में दायर याचिकाओं तक के विषय शामिल हैं।

मुख्य मुद्दे जो चर्चा में रहेंगे:

  • 75% अनुदान वृद्धि का मामला वित्त विभाग में अटका: लंबे समय से शिक्षकों द्वारा मांग की जा रही है कि अनुदान में 75 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। फाइल फिलहाल वित्त विभाग में लंबित है। बैठक में इस पर रणनीति बनाई जाएगी।

  • राज्यकर्मी का दर्जा पाने की कानूनी लड़ाई: शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जा रही है। इस पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

  • अनुदान से वंचित स्कूलों का मुद्दा: कई इंटर कॉलेजों और स्कूलों को अब तक अनुदान नहीं मिला है। उनके अपीलीय अभ्यावेदन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। साथ ही जिन स्कूलों ने अब तक अपील नहीं की है, उन्हें 15 मई तक आवेदन जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

  • 2020–21 के लटके अनुदान का समाधान: दर्जनों स्कूलों के पुराने वर्षों के अनुदान आज भी लटके हैं। इन मामलों पर विचार कर ठोस कार्रवाई की जाएगी।

  • अनुदान रोक के पीछे अवधि विस्तार का विवाद: जिन स्कूलों को अवधि विस्तार के अभाव में अनुदान नहीं मिल रहा है, उन्हें बैठक में इससे संबंधित कागजात सौंपे जाएंगे।

  • 2021 से 2024 तक के अनुदान की विसंगतियां: कई संस्थानों को पिछले तीन शैक्षणिक वर्षों में अनुदान नहीं मिला है। यह विषय भी चर्चा के केंद्र में रहेगा।

  • छात्र संख्या घटाकर 512 करने का विभागीय फैसला विवादों में: कई इंटर कॉलेजों की छात्र संख्या शिक्षा विभाग द्वारा मनमाने ढंग से घटाकर 512 कर दी गई है। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल हो चुकी है।



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15 मई तक अपीलीय आवेदन देना अनिवार्य:

बैठक में यह स्पष्ट किया जाएगा कि जिन स्कूलों को अब तक अनुदान नहीं मिला है, वे हर हाल में 15 मई 2025 तक विभाग में अपीलीय आवेदन दाखिल करें। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की गई है। आवेदन संबंधित स्कूल के शासी निकाय/प्रबंध समिति के सचिव द्वारा सचिव सेल में जमा किया जाना अनिवार्य है।

इस महत्त्वपूर्ण बैठक के संयोजक मंडल में कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, चंदेश्वर पाठक, गणेश महतो, अरविंद सिंह सहित दर्जनों शिक्षक नेता शामिल हैं।

बैठक को राज्यभर के शिक्षक प्रतिनिधियों के भविष्य, अधिकारों और सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है। लंबे समय से लंबित अनुदान और सरकारी दर्जे की मांग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है।



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