RU: नीड बेस सहायक प्राध्यापकों को मानदेय में देरी, दीपावली मनाना भी होगा मुश्किल.

झारखंड/बिहार रोज़गार समाचार

रांची विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों की आर्थिक स्थिति गंभीर

रांची विश्वविद्यालय के नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापकों को मासिक मानदेय नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। पिछले जून 2024 से उन्हें कोई मानदेय नहीं मिला है, जिससे दशहरा के बाद दीपावली भी अंधेरे में गुजारने की आशंका है। यह स्थिति काफी चिंताजनक है, और विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह मौन है, जिससे सहायक प्राध्यापकों की कोई सुध लेने वाला नहीं है।

मानदेय में देरी से हो रही परेशानी

नीड बेस सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के अध्यक्ष डॉ. त्रिभुवन कुमार साही ने कहा कि पिछले छः महीनों से सहायक प्राध्यापकों को मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से विश्वविद्यालय में बिल जमा हैं, लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान भी मानदेय नहीं मिला। अब दीपावली के मौके पर भी उनकी स्थिति चिंताजनक है, और ऐसा लगता है कि उनके घरों में दीये भी नहीं जलेंगे।

असमानता और वित्तीय संकट

सहायक प्राध्यापकों के लिए हर महीने मानदेय में असमानता होती है, और यह भी समय पर नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा, “कहने को तो हमें बेसिक सैलरी के समतुल्य मानदेय मिल रहा है, पर हम सभी कोषों से दूर हैं।”

संघ की मांगें

संघ ने फिर से मांग की है कि सहायक प्राध्यापकों को निश्चित मासिक मानदेय दिया जाए, ताकि उनकी आर्थिक परेशानी दूर हो सके और वे पर्व-त्यौहार अन्य समान कार्य करने वालों के समान मना सकें। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि वे उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, फिर भी उनकी स्थिति दयनीय है।

प्रशासन से अपील

संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया है कि कार्य संस्कृति में सुधार करते हुए फाइलों को कम से कम दिन रखकर समय पर मानदेय का भुगतान किया जाए। साथ ही, वित्त विभाग को आदेशित किया जाए कि इस बार दीपावली के पहले सभी सहायक प्राध्यापकों को भुगतान किया जाए, ताकि वे भी दीपावली का त्योहार मनाने की स्थिति में हों।

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