भूमि संरक्षण विभाग की सुस्त रफ्तार पर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की नाराज़।

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भूमि संरक्षण विभाग की योजनाओं की समीक्षा
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भूमि संरक्षण विभाग की सुस्त कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त की है। नेपाल हाउस के NIC सभागार में भूमि संरक्षण निदेशालय के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में उन्होंने योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की। रांची, खूंटी, धनबाद, गुमला और देवघर जिलों में योजनाओं की धीमी प्रगति पर विशेष चिंता जताई गई।

विधायकों से संपर्क और लाभुकों तक पहुंच के निर्देश
मंत्री ने निर्देश दिया कि अगले दो दिनों में विभागीय अधिकारी क्षेत्र के विधायकों से मिलकर योजनाओं की जानकारी साझा करें। उन्होंने कहा कि विभागीय सुस्ती के कारण तालाब निर्माण, डीप बोरिंग, ट्रैक्टर खरीद और कृषि संयंत्र जैसी योजनाओं का लाभ लाभुकों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है।

फॉर्म वितरण और समन्वय पर जोर
मंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि योजनाओं से संबंधित फॉर्म जिला मुख्यालय और प्रखंड कार्यालयों में उपलब्ध हों। इसके साथ ही राज्य के विधायकों को भी ये फॉर्म दिए जाएं ताकि जरूरतमंद किसानों को योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने विभाग को किसानों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर योजनाओं को धरातल पर लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मॉनिटरिंग और समयसीमा का निर्धारण
मंत्री ने निर्देश दिया कि भूमि संरक्षण विभाग की योजनाओं की हर महीने समीक्षा की जाए। निदेशालय को 3-4 दिनों के भीतर जिला स्तर से रिपोर्ट लेने और 31 जनवरी तक कार्य प्रगति की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

कार्य संस्कृति में सुधार की जरूरत
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने खाली पदों को भरे जाने के बावजूद विभाग की खराब परफॉर्मेंस पर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों से कार्य संस्कृति में बदलाव लाने और योजनाओं को गति देने का आह्वान किया।

योजनाओं की सफल क्रियान्वयन की अपील
मंत्री ने कहा कि विभाग को “ब्रिज” की भूमिका निभानी चाहिए ताकि सही जानकारी और योजनाएं समय पर लाभुकों तक पहुंच सकें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से योजनाओं का आवेदन और अनुमोदन तेजी से पूरा करने की अपील की।

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