पारा शिक्षकों का आंदोलन पारा शिक्षक झारखंड समाचार

शिक्षक दिवस के दिन शिक्षा मंत्री का घेराव। सहायक अध्यापकों का वादाखिलाफी का इल्जाम।

झारखंड/बिहार ताज़ा ख़बर रोज़गार समाचार

राजभवन में धरना प्रदर्शन

झारखंड राज्य आकलन सफल सह प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ” द्वारा राजभवन, रांची में एकदिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न मांगों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना था। इस बीच, संघर्ष मोर्चा के साथ शिक्षा मंत्री की वार्ता चल रही थी, जिससे शिक्षकों में उम्मीद जगी थी कि शायद उन्हें वेतनमान या समतुल्य वेतनमान मिल सकता है। पूर्व शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के समय बनाई गई नियमावली का उद्देश्य भी यही था कि आकलन पास करने वाले शिक्षकों को वेतनमान दिया जाए। लेकिन वर्तमान शिक्षा मंत्री को गलत जानकारी देकर इस सपने को तोड़ दिया गया।

सरकार पर आरोप

धरना प्रदर्शन के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकांत तिवारी ने सरकार पर पारा शिक्षकों को ठगने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार वेतनमान की घोषणा को भूल चुकी है और वित्तीय बोझ का बहाना बना रही है। तिवारी ने कहा कि सरकार अगर 90,000 संविदा कर्मियों को EPF का लाभ दे रही है, तो इस मांग को पूरा करना चाहिए, या फिर बाद में इस पर विचार किया जा सकता है। झारखंड जैसे खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य में भी सहायक अध्यापकों को छलने का कार्य किया जा रहा है।

संघर्ष मोर्चा की वार्ता पर असंतोष

संघर्ष मोर्चा की वार्ता में कुछ खास वर्ग के शिक्षकों को ही लाभ देने की बात सामने आई, जिससे अन्य शिक्षक नाराज हुए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ज्यादा छला गया, तो वे दूसरे विकल्पों की ओर जाने के लिए विवश होंगे। आकलन सफल और प्रशिक्षित सहायक अध्यापकों को अपने अधिकार से वंचित रखा जा रहा है, जिसे संघ कभी स्वीकार नहीं करेगा।

भविष्य की योजनाएँ

संघ ने वार्ता को खारिज करते हुए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर भूख हड़ताल करने की घोषणा की। इस दौरान, झारखंड के 24 जिलों के आकलन सफल और प्रशिक्षित सहायक अध्यापकों ने अपनी आवाज बुलंद की। संघ के महासचिव बबलू सिंह ने कहा कि सहायक अध्यापक आकलन की कठिन परीक्षा पास कर चुके हैं और वे पूरी तरह से योग्य हैं। सरकार को आकलन और TET में एकरूपता लाने की जरूरत है, लेकिन सरकार की इच्छा शक्ति की कमी है।

संघ की मुख्य माँगे

  1. सहायक अध्यापकों का वेतनमान: राज्य के 62,000 सहायक अध्यापकों को वेतनमान सुनिश्चित किया जाए।
  2. TET परीक्षा में छूट: TET परीक्षा में सभी सहायक अध्यापकों को उनके अनुभव के आधार पर पासिंग मार्क्स में 20% छूट दी जाए। साथ ही, प्रत्येक खंड में पास होने की बाध्यता समाप्त करते हुए ओवरऑल पासिंग मार्क्स 40% रखा जाए।
  3. आकलन सफल सहायक अध्यापकों का मानदेय: आकलन सफल सहायक अध्यापकों को TET सफल सहायक अध्यापकों के समकक्ष मानदेय और सुविधाएं प्रदान की जाएं।
  4. आकलन परिणाम में सुधार: आकलन परिणाम की त्रुटियों को दूर कर प्रमाण पत्र जारी किया जाए और दूसरी आकलन परीक्षा का जल्द नोटिफिकेशन जारी किया जाए।
  5. सेवाशर्त नियमावली 2021 में संशोधन: सेवाशर्त नियमावली 2021 को लचीला बनाते हुए EPF को जल्द लागू किया जाए।

आगामी आंदोलन

संघ ने 24 अगस्त तक सरकार को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए समय दिया था, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिए “झारखंड राज्य आकलन सफल सह प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ” अब आंदोलनरत है। तिवारी ने कहा कि राजभवन कार्यक्रम तो झरोखा है, 5 सितंबर को आकलन सफल सहायक अध्यापकों का जन सैलाब उमड़ेगा। बबलू सिंह ने सभी आकलन सफल साथियों को भारी संख्या में 5 सितंबर को शिक्षा मंत्री आवास पर घेराव कार्यक्रम को सफल बनाने का आग्रह किया है। अगर इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो उग्र आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *