राज्य के युवा बेरोजगारों का आक्रोश
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, राज्य के युवा और बेरोजगार अब सरकार की नीति और नीयत को भलीभांति समझ चुके हैं। सरकार ने 5 लाख प्रति वर्ष नियुक्ति और बेरोजगारी भत्ता का झांसा देकर सत्ता में आने के बाद बार-बार युवाओं को ठगा है।
नियुक्ति वर्ष की घोषणा और युवाओं की निराशा
मरांडी ने कहा कि, राज्य सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में नियुक्ति वर्ष की घोषणा करके युवाओं को निराश किया। जेएसएससी द्वारा जारी चुनावी परीक्षा कैलेंडर में दो-तीन माह बाद की संभावित परीक्षा तिथि घोषित करना सरकार की एक सोची-समझी साजिश है। यह भ्रष्ट और निकम्मी सरकार विधानसभा चुनाव तक युवाओं के आक्रोश को दबाकर उन्हें गुमराह करना चाहती है।
परीक्षा तिथि में देरी और सरकार की मंशा
मरांडी ने कहा कि, अगर सरकार की नीयत साफ होती तो जेएसएससी और सीजीएल की परीक्षा 15 दिनों के अंदर सम्पन्न करा ली जाती। उन्होंने याद दिलाया कि, छात्रों के विरोध के बावजूद जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए सरकार ने मात्र 14 दिनों का ही समय दिया था।
आयोगों की भूमिका और सरकार की साजिश
मरांडी ने कहा कि, झारखंड सरकार के अधीन दो आयोगों द्वारा जानबूझकर कभी जल्दीबाजी तो कभी विलंब करना सरकार की सुनियोजित साजिश को दर्शाता है। उन्होंने युवा साथियों से कहा कि जेएमएम कांग्रेस सरकार की इस चुनावी परीक्षा कैलेंडर के झांसे में नहीं आएं।
युवाओं को समय की बर्बादी से बचाने की अपील
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, अगर सरकार युवाओं को नौकरी देने के प्रति सजग है, तो हर हाल में जुलाई माह में जेएसएससी-सीजीएल की परीक्षा सम्पन्न करा नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द पूरा करे। अन्यथा, युवाओं का कीमती समय बर्बाद कर उनके करियर के साथ खिलवाड़ करना बंद करे।