क्या लोबिन हेंब्रम का भी राजनीतिक हश्र चमरा लिंडा की तरह होगा। क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा चमरा लिंडा की तरह अपने दूसरे विधायक लोबिन हेंब्रम को भी पार्टी से निष्कासित करेगी। क्या चमरा लिंडा की तरह लोबिन हेंब्रम को भी मौका दिया जाएगा कि, वे नाम वापस ले नहीं तो पार्टी की कार्रवाई का सामना करें।
दरअसल, 7 मई को झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया। हालांकि, राजमहल लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विजय हांसदा हैं जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हैं। लोबिन हेंब्रम ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं करते हुए पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
ठीक इसी तरह लोहरदगा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा ने भी नामांकन दाखिल किया। हालांकि, यहां से इंडिया गठबंधन के अधिकृत प्रत्याशी हैं सुखदेव भगत। चमरा लिंडा ने गठबंधन धर्म का मान सम्मान नहीं रखा तो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया।
ऐसे में साफ है कि, नाम वापसी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा लोबिन हेंब्रम का इंतजार करेगी। और उसके बाद चमरा लिंडा की तरह ही उनके नाम से भी पत्र जारी कर दिया जाएगा। पहले चमरा लिंडा, फिर लोबिन हेंब्र और उससे पहले सीता सोरेन को पार्टी से बग़ावत करना झामुमो को मुश्किल में डाल सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए इम्तिहान की घड़ी होगी।