हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी और गांडेय उपचुनाव की प्रत्याशी कल्पना सोरेन ने न्यूज़ एजेंसी PTI को एक इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले और बाद की जिंदगी में आए बदलाव का जिक्र किया है। राजनीति में आने की वजहों के बारे में विस्तार से बात की है। साथ ही भविष्य को लेकर भी अपनी रणनीति स्पष्ट की हैं।
कल्पना सोरेन की पहचान अब सिर्फ हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी के रूप में नहीं है। बल्कि गांडेय से झामुमो की प्रत्याशी के रूप में भी उनकी पहचान है। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रमुख नेत्री के तौर पर सामने आई हैं। पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में वे कहती हैं कि, 31 जनवरी यानी जिस दिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई उसके बाद से परिस्थितियों बदल गई। पहले मैं बहू, पत्नी और मां के रूप में जिम्मेदारी निभा रही थी लेकिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पूरी पार्टी चिंतित हो गई। कार्यकर्ताओं का दबाव मेरे ऊपर भी बढ़ा। हेमंत सोरेन के प्रति उनका लगाव और प्यार देखकर मैं भी हैरान रह गई। मेरी भी नैतिक जिम्मेदारी थी कि, मैं उस खालीपन को भरूं। जबतक हेमंत सोरेन नहीं आते हैं तबतक मुझे ही इसे आगे बढ़ाना है। यानी पार्टी को आगे ले जाना है। पार्टी के सुप्रीमो शिबू सोरेन भी यही चाहते हैं।
वैसे तो कल्पना सोरेन कई बार मीडिया से बात कर चुकी हैं। लेकिन जिस तरह से उन्होने विस्तार से हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले और बाद की जिंदगी में जो परिवर्तन आया उसका जिक्र किया। उससे स्पष्ट है कि, वे पहले राजनीति में नहीं आना चाहती थीं। परिस्थितियों की वजह से उनको राजनीति में आना पड़ा। अब उनको गांडेय का चुनाव लड़ना है और जीतकर भी दिखाना है। उनके राजनीतिक करियर के लिए यह उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि, कल्पना सोरेन और पूरी पार्टी और यूं कहें तो पूरी सरकार गांडेय उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। अब देखना होगा कि, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद पार्टी में जो खालीपन आया है उसे कल्पना सोरेन कितना भर पाती हैं।