सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन जारी, मांग जिला पुलिस में सीधे समायोजन की
जिला पुलिस में सीधे समायोजन की मांग को लेकर पिछले 5 दिनों से सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन जारी है। हेमंत सोरेन सरकार के विश्वास मत और कैबिनेट विस्तार का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच, सहायक पुलिसकर्मियों ने गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों को जारी रखा है।
एक दिवसीय अनशन का आयोजन
7 जुलाई को रविवार के दिन बापू वाटिका के पास एक दिवसीय अनशन का कार्यक्रम रखा गया है। सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा है कि, हेमंत सोरेन सरकार में उनको दो बार आश्वासन मिला, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ। इस बार वे आश्वासन नहीं बल्कि निर्णय सुनकर जाएंगे।
भारी बारिश और गर्मी में भी जारी आंदोलन
भारी बारिश और गर्मी के बीच में सहायक पुलिसकर्मियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई महिला पुलिसकर्मी अपने छोटे बच्चों को लेकर भी मोराबादी में हैं, जिसके कारण बच्चों की तबीयत भी खराब हो रही है।
सत्ता और विपक्ष से निराशा
सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि, 5 दिनों के दौरान ना तो सत्ता पक्ष से और ना ही विपक्ष से कोई बड़ा चेहरा उनसे मिलने के लिए आया और ना ही कोई आश्वासन दिया। सहायक पुलिसकर्मियों की साफ मांग है कि, या तो उनको समायोजित किया जाए या फिर सरकार स्पष्ट रूप से बता दे कि सहायक पुलिसकर्मियों को लेकर सरकार क्या सोचती है।
रघुवर दास सरकार में हुई थी भर्ती
आपको बता दें कि, साल 2017 में रघुवर दास की सरकार के समय 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई थी। मात्र ₹10000 प्रति माह की तनख्वाह में यह बहाली हुई थी। इनमें ज्यादातर आदिवासी, मूलवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवा हैं।
पिछले 7 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं
पिछले 7 वर्षों में उनके वेतन में ₹1 की भी वृद्धि नहीं हुई है और ना ही किसी प्रकार की कोई सुविधा दी जा रही है। यह सुनकर आपको हैरत होगी कि, महिलाओं को मिलने वाले दो दिवसीय विशेष अवकाश को भी महिला सहायक पुलिसकर्मियों को नहीं दिया जाता है।
मतदान के अधिकार से वंचित
सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि, लोकसभा चुनाव के दौरान उनमें से किसी भी सहायक पुलिसकर्मी ने अपने मतदान का इस्तेमाल नहीं किया। ड्यूटी में होने की वजह से वे मतदान नहीं कर पाए और विभाग ने उनके मतदान के लिए कोई व्यवस्था नहीं की।
आंदोलन जारी रखने की घोषणा
विभाग पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा है कि, जब तक उनका जिला पुलिस में समायोजन नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।