टेंडर कमीशन घोटाला मामले में गिरफ्तार कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल की संपत्ति जब्त की जाएगी। ईडी इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है। उनकी अवैध संपत्तियों को आंका जा रहा है। जल्द ही उन संपत्तियों को अटैच किया जाएगा। ईडी इस बात का पता लगा रही है कि, टेंडर कमीशन घोटाला से जो कमाई हुई है उन पैसों को कहां-कहां निवेश किया गया है। या फिर उन पैसों से कौन-कौन सी संपत्ति खरीदी गई है।
Highlights.
- जब्त होगी संजीव लाल की संपत्ति!
- 3000 करोड़ का हो सकता है घोटाला।
- भ्रष्टाचारियों पर होगी कार्रवाई।
- साल के आखिर में विधानसभा चुनाव।
जब्त होगी संजीव लाल की संपत्ति!
आपको बता दें कि, टेंडर कमीशन घोटाला मामले में सबसे पहले 6 मई को संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम के घर पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान 32 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बरामद की गई थी। इस मामले में विभागीय मंत्री आलमगीर आलम को दो दिन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल, आलमगीर आलम उनके पीएस संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम होटवार जेल में बंद हैं।
3000 करोड़ का हो सकता है घोटाला।
आलमगीर आलम से 14 दिनों की पूछताछ के बाद उन्हें होटवार जेल भेज दिया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी का मानना है कि, यह पूरा घोटाला 3000 करोड़ रुपए का हो सकता है। खास बात यह है कि, लोकसभा चुनाव के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घोटालों का जिक्र किया था। उन्होने कहा था कि, ये पैसे आम लोगों के हैं। लिहाजा उनकी सरकार अगर सत्ता में आती है तो उन पैसों को गरीबों के बीच वितरित किया जाएगा।
भ्रष्टाचारियों पर होगी कार्रवाई।
एग्जिट पोल के नतीजों से साफ है कि, 4 जून के बाद देश में एक बार फिर से एनडीए की हैट्रिक लगने जा रही है। ऐसे में खुद प्रधानमंत्री का चुके हैं कि, 4 जून के बाद भ्रष्टाचारियों पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में साफ है कि, जो लोग भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं। उनको फिलहाल राहत मिलने वाली नहीं है।
साल के आखिर में विधानसभा चुनाव।
इस साल के आखिर में झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में क्या आलमगीर आलम जेल से बाहर आ पाएंगे या नहीं। इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लैंडस्कैम मामले में मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी लंबे समय से जेल में बंद हैं। अब तक उनको कोर्ट से ज़मानत नहीं मिली है। इस बीच एग्जिट पोल के आंकड़ों ने इंडिया गठबंधन के लोगों को और परेशान कर दिया है। अगर ये आंकड़े 4 जून को सच साबित होते हैं तो फिर इंडिया गठबंधन की परेशानी और बढ़ेगी।