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झारखंड में 4 जून के बाद क्या होगा। भाजपा ने क्या अंदेशा जताया।

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क्या झारखंड में 4 जून के बाद सत्ता के लिए संघर्ष शुरू होगा। क्या चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा। क्या कल्पना सोरेन झारखंड की अगली मुख्यमंत्री होंगी।

हाइलाइट्स-

  1. झारखंड में शुरू होगा सत्ता का संघर्ष।
  2. झामुमो ने बीजेपी को दिया जवाब।
  3. कल्पना सोरेन को लेकर चर्चा का बाज़ार। 
  4. गांडेय से मिलेगी कल्पना को मज़बूत पहचान। 
  5. आने वाले दिन होंगे कल्पना सोरेन के नाम।

झारखंड में शुरू होगा सत्ता का संघर्ष।

झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई कहते हैं कि, उन्हें पूरा कॉन्फिडेंस है कि, झारखंड में लोकसभा चुनाव के परिणाम जिस तरह के आएंगे उसके बाद राज्य में इंडिया गठबंधन के बीच सिर्फ फुटव्वल शुरू होगा। इन तमाम बातों के पीछे झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई का तर्क है कि, 4 जून के बाद झारखंड में सत्ता के लिए असल लड़ाई शुरू होगी। उन्होंने कल्पना सोरेन को बहन कहते हुए कहा है कि, वे सत्ता के रास्ते में हैं और चंपई सोरेन सत्ता पर काबिज हैं। लिहाजा यह संघर्ष होना लाज़मी है।

झामुमो ने बीजेपी को दिया जवाब।

लक्ष्मीकांत वाजपेई के इन बातों का झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, लक्ष्मीकांत वाजपेई को उत्तर प्रदेश चले जाना चाहिए। झारखंड मुक्ति मोर्चा उनका टिकट कटा देगी। नहीं तो टिकट के लिए पैसे उनके बैंक अकाउंट में भेज देगी। कुल मिलाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लक्ष्मीकांत वाजपेई की बातों को बहुत ही हल्के अंदाज में लिया।

कल्पना सोरेन को लेकर चर्चा का बाज़ार। 

लक्ष्मीकांत वाजपेई के आरोपों को अगर आप दरकिनार भी कर दें। तो इस बात में कोई शक नहीं राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा होती रही है। कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने और सत्ता की बागडोर कल्पना सोरेन को सौंपने का विरोध भी होता रहा है। सबसे प्रबल विरोध करने वाली सीता सोरेन थी जो झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ चुकी हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद कल्पना सोरेन को ही चेहरा बनाया जाना था लेकिन सीता सोरेन का विरोध आड़े आ गया। कल्पना सोरेन से कई इंटरव्यू में इस सवाल को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, इसका निर्णय पार्टी लेगी। गठबंधन लेगा। चंपई सोरेन उनके लिए चाचा के समान है और पार्टी के पुराने नेता हैं।

गांडेय से मिलेगी कल्पना को मज़बूत पहचान। 

कल्पना सोरेन के हाथों में झारखंड की चाबी हो या ना हो लेकिन एक बात तो साफ है कि, 2024 के लोकसभा चुनाव ने कल्पना सोरेन को एक पहचान जरूर दी है। अगर वे गांडेय विधानसभा चुनाव जीत जाती हैं तो इस पहचान को और मजबूती मिलेगी। जानकार यह बता रहे हैं कि, गांडेय में कल्पना सोरेन भारी अंतर से जीतने जा रही हैं।

आने वाले दिन होंगे कल्पना सोरेन के नाम।

तो क्या यह माना जाए कि, आने वाले दिनों में सत्ता की चाबी एक बार फिर से सोरेन परिवार के हाथों में चली जाएगी। ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि, इस साल के आखिर में विधानसभा का चुनाव होने हैं। ऐसे में कल्पना सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक बड़ा चेहरा होंगी। भले ही इन 6 महीनों के लिए चंपई सोरेन सत्ता की बागडोर संभालें लेकिन विधानसभा चुनाव में तो कल्पना सोरेन ही चेहरा होंगी। ऐसे में आने वाले दिन कल्पना सोरेन के नाम हो सकता है।

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