हेमंत सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही है

1.36 लाख करोड़ की राशि का आधार क्या? भाजपा ने उठाए सवाल.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर रही है सरकार – प्रतुल शाह देव

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2024 में मिनरल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाम स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया केस में एक ऐतिहासिक निर्णय दिया था, जो अन्य राज्यों पर भी लागू होता है। लेकिन झारखंड सरकार इसे गलत तरीके से जनता के सामने पेश कर रही है।

1.36 लाख करोड़ का आंकड़ा कहां से आया? – प्रतुल शाह देव

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बार-बार 1.36 लाख करोड़ की बकाया राशि का जिक्र किया जा रहा है, लेकिन यह आंकड़ा किस आधार पर तय किया गया, इसका कोई स्पष्ट विवरण नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार 60,000 करोड़ रुपए बतौर ब्याज मांग रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से बकाया राशि पर ब्याज देने से इनकार किया था।

बकाया राशि का भुगतान 2026 से 2037 तक किया जाएगा

प्रतुल शाह देव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि बकाया राशि 12 वर्षों में 12 किस्तों में दी जानी है। आदेश के पॉइंट 27.2 के अनुसार, 1 अप्रैल 2026 से 1 अप्रैल 2037 तक किश्तों में भुगतान होगा। वहीं, पॉइंट 27.3 में यह स्पष्ट किया गया है कि 25 जुलाई 2024 से पहले के किसी भी ब्याज या पेनल्टी का आकलन नहीं किया जाएगा।

हेमंत सोरेन ने खुद 14 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था

प्रतुल शाह देव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं 14 अगस्त 2024 को एक्स पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया था और लिखा था कि झारखंड को 12 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से बकाया राशि मिलेगी। लेकिन अब सरकार तुरंत 1.36 लाख करोड़ के भुगतान की मांग कर रही है, जो विरोधाभासी है।

चुनाव पूर्व लोकलुभावन घोषणाओं को पूरा करने के लिए झारखंड सरकार केंद्र पर दबाव बना रही है

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने चुनावी समय में ढाई लाख करोड़ से अधिक की लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर दी थी, लेकिन राज्य सरकार अपने आंतरिक संसाधनों से इस राशि को जुटाने में असफल रही है

  • मईया सम्मान योजना इसका उदाहरण है, जहां बिना पात्रता तय किए योजना की घोषणा कर दी गई थी, लेकिन अब इसमें पात्रता जोड़ दी गई है।
  • हेमंत सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही है और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद गलत नैरेटिव गढ़ रही है।

प्रेस वार्ता में तारीक इमरान भी रहे मौजूद

इस प्रेस वार्ता में भाजपा नेता तारीक इमरान भी उपस्थित थे।

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