रसायन शास्त्र दिवस पर प्रफुल्ल चन्द्र राय की रंगोली बनाने वाले फाइन आर्ट्स छात्रों का वोकेशनल टीचर एसोसिएशन ने किया सम्मान
मुख्य बिंदु:
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रसायन विज्ञान दिवस पर फाइन आर्ट्स छात्रों ने बनाई प्रफुल्ल चन्द्र राय की रंगोली
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वोकेशनल टीचर एसोसिएशन ने छात्रों को शॉल और उपहार देकर किया सम्मानित
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विश्वविद्यालय द्वारा लंबे समय से फाइन आर्ट्स छात्रों की उपेक्षा का आरोप
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बेहतर माहौल और प्रोत्साहन की जरूरत पर शिक्षकों ने जताई चिंता
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कार्यक्रम में कई विभागों के प्राध्यापक रहे उपस्थित
रांची, 2 अगस्त 2025- रसायन शास्त्र दिवस के अवसर पर आज फाइन आर्ट्स के छात्रों ने रसायन विज्ञान के जनक माने जाने वाले प्रफुल्ल चन्द्र राय की अत्यंत सुंदर रंगोली बनाकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस विशेष योगदान को देखते हुए वोकेशनल टीचर एसोसिएशन ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें शॉल और उपहार देकर सम्मानित किया।

अध्यक्ष ने जताई चिंता: छात्रों को सिर्फ इस्तेमाल किया जा रहा
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अटल पांडेय ने कहा कि फाइन आर्ट्स और म्यूजिक विभाग के विद्यार्थी लगातार विश्वविद्यालय के विभिन्न आयोजनों में रंगोली, चित्रकला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन सीवीएस विभाग एवं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन्हें केवल ‘इस्तेमाल’ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पूर्व कुलपति द्वारा दो बार इनाम देने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक किसी भी छात्र या विभाग को कोई लाभ नहीं मिला। इसी उपेक्षा के विरुद्ध आज एसोसिएशन ने खुद आगे आकर छात्रों का हौसला बढ़ाने का निर्णय लिया।

छात्रों की मेहनत को मिलना चाहिए पहचान: डॉ सुरजीत घोषाल
एसोसिएशन के डॉ. सुरजीत घोषाल ने कहा कि फाइन आर्ट्स विभाग शिक्षक अभाव से जूझ रहा है, फिर भी विद्यार्थियों का प्रदर्शन सराहनीय है। ऐसे विभागों और छात्रों को सिर्फ ‘कार्यक्रमों में सजावट’ तक सीमित न रखकर गुणवत्तापूर्ण माहौल और संसाधनों से सशक्त किया जाना चाहिए।
छात्र और कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक
सम्मान पाने वाले छात्रों में तुषार पाण्डेय, दिव्या श्रीवास्तव, नीलम कुमारी और एकता रानी शामिल रहीं। इस मौके पर म्यूजिक विभाग के प्राध्यापक मनीष कुमार, फाइन आर्ट्स के विवेक दास, अवधेश ठाकुर, सुनील कुमार झा समेत कई शिक्षक उपस्थित रहे।
वोकेशनल टीचर एसोसिएशन की यह पहल न सिर्फ छात्रों का उत्साहवर्धन है, बल्कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए एक संदेश भी है कि कलात्मक योगदान देने वाले छात्रों को भी सम्मान, संसाधन और अवसर दिए जाएं। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ता है और शिक्षा के क्षेत्र में उनका रुझान और अधिक मजबूत होता है।