झारखंड के पलामू बालिका गृह में यौन शोषण पर बवाल: भाजपा का सरकार पर हमला।

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मुख्य बिंदु.

  1. घटना: पलामू जिले के बालिका गृह में यौन शोषण की घटना।
  2. भाजपा का बयान: इसे राज्य सरकार और प्रशासन की विफलता बताया।
  3. मीडिया रिपोर्ट्स: बच्चियों पर अधिकारियों को खुश करने का दबाव था।
  4. जांच की मांग: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की आवश्यकता।
  5. प्रशासन पर सवाल: बाल कल्याण समिति और कल्याण विभाग की भूमिका पर प्रश्न।
  6. लापरवाही: बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष का पद खाली।
  7. सख्त कार्रवाई की मांग: दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच जरूरी।

 



घटना का विवरण

पलामू जिले के बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना ने झारखंड में हड़कंप मचा दिया है। भाजपा ने इस घटना को राज्य सरकार और प्रशासन की विफलता करार दिया है।

भाजपा का आरोप

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इस घटना को गंभीर अपराध बताते हुए कहा:

  • बालिका गृह में पहले से यौन अपराधों का शिकार बच्चियों को सुरक्षित माहौल देना सरकार का उद्देश्य होता है।
  • लेकिन जब वही स्थान अपराध का केंद्र बन जाए, तो यह प्रशासन और सरकार की विफलता को उजागर करता है।
  • उन्होंने राज्य सरकार को “रक्षक ही भक्षक बन गए हैं” कहकर आड़े हाथों लिया।

मीडिया रिपोर्ट्स का खुलासा

  • रिपोर्ट्स के अनुसार, बालिका गृह की बच्चियों पर अधिकारियों को खुश करने का दबाव बनाया जा रहा था।
  • भाजपा ने सवाल उठाया कि ये अधिकारी कौन थे और उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
  • घटना की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच की मांग की गई है।

प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल

अजय साह ने कहा:

  • बालिका गृह पर बाल कल्याण समिति, जिला कलेक्टर और कल्याण विभाग का नियंत्रण होता है।
  • तीन साल पहले रांची के बाल गृह में भी ऐसा मामला सामने आया था, लेकिन राज्य सरकार ने कोई सबक नहीं लिया।

राज्य सरकार की लापरवाही

भाजपा प्रवक्ता ने सरकार की लापरवाही को रेखांकित करते हुए कहा:

  • तीन साल पहले झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग का गठन हाई कोर्ट के दबाव में हुआ था।
  • आयोग के अध्यक्ष का पद पिछले एक साल से खाली है, जो सरकार की उदासीनता दिखाता है।

बिहार के मुजफ्फरपुर कांड से तुलना

  • साह ने पलामू की घटना की तुलना बिहार के कुख्यात मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से की।
  • दोषी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
  • निष्पक्ष जांच और कार्रवाई से ही पीड़ित बच्चियों को न्याय मिल सकता है।

 

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