आज का दिन ऐतिहासिक होगा
आज का दिन हमारे सामूहिक संघर्ष, प्रेम-भाईचारे की भावना और न्याय के प्रति झारखंडियों की प्रतिबद्धता को और मजबूत करने वाला दिन है। यह वह दिन है जब झारखंड की महान भूमि एक बार फिर अपने ऐतिहासिक और सामाजिक मूल्यों की गूंज से भर जाएगी।
झारखंड की महान विरासत
झारखंड की धरती हमेशा से संघर्ष और विरोध की प्रतीक रही है। झामुमो, भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, अमर शहीद तेलंगा खड़िया, फूलो-झानो, पोटो हो और शेख भिखारी जैसे अनगिनत वीरों के संघर्षों की विरासत को हर दिन आगे बढ़ा रहा है। यह धरती सामाजिक न्याय, समानता और आत्मसम्मान की लड़ाई का प्रतीक है।
राजनीतिक जीत नहीं, सामाजिक एकता का जश्न
आज का दिन केवल एक राजनीतिक जीत का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और एकता के प्रति झारखंडियों की अटूट लड़ाई को दोहराने का है। यह दिन इस बात का प्रतीक है कि लोकतंत्र पर बढ़ते दबावों के बीच झारखंड की जनता अपनी आवाज को एकजुट होकर बुलंद कर रही है। आज हर गांव और हर शहर में गूंज रही आवाज़ है – “अधिकार, समानता और एकता का मतलब झारखंडियत।”
हमारी एकता, हमारी ताकत
यह स्पष्ट है कि हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। झारखंडियों को न तो विभाजित किया जा सकता है और न ही शांत किया जा सकता है। जब कोई हमें पीछे धकेलता है, हम और मजबूती से आगे बढ़ते हैं। जब कोई हमारी आवाज दबाने की कोशिश करता है, हमारी हूल, उलगुलान और क्रांति की आवाज और भी प्रखर हो जाती है। क्योंकि हम झारखंडी हैं और झारखंडी कभी झुकते नहीं।
पूर्वजों की एकता का संकल्प
आज जब सामाजिक संरचना में गहरी दरारें दिखाई दे रही हैं, हमें अपने पूर्वजों की एकता और हर झारखंडी को साथ लेकर चलने के संकल्प को पुनः दोहराना होगा। उनकी प्रेरणा और उनका संघर्ष हमारे लिए आज भी प्रकाशस्तंभ है।
झारखंड के लिए बधाई
अपने अबुआ सरकार के लिए हर झारखंडी को हार्दिक बधाई। यह जीत केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि झारखंडियत की भावना की जीत है।
संघर्ष जारी रहेगा
हमारी लड़ाई अटल है, अविराम है। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक हमारा हर सपना साकार न हो जाए। संघर्ष जारी रहेगा, आख़िरी साँस तक।
आपका, हेमंत।