मुख्य बिंदु
- टीएमसी का झारखंड चुनाव में नहीं उतरने का निर्णय: तृणमूल कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है, जिससे इंडिया गठबंधन को सीधे लाभ मिलने की संभावना है।
- संथाल परगना और कोल्हान में टीएमसी की प्रभावी उपस्थिति: बांग्ला भाषी क्षेत्रों में टीएमसी की लोकप्रियता है, जो वोटों के बिखराव का कारण बन सकती थी, लेकिन ममता बनर्जी के निर्णय से इंडिया गठबंधन को फायदा मिलेगा।
- झारखंड और पश्चिम बंगाल के संबंधों में सहयोगात्मक माहौल: मैथन डैम विवाद और कांग्रेस विधायकों की गिरफ्तारी के बावजूद दोनों राज्यों की सरकारों में सौहार्द्रपूर्ण संबंध हैं।
- अखिलेश यादव की सपा का इंडिया गठबंधन पर प्रभाव: समाजवादी पार्टी ने झारखंड में कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जो इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं।
- हेमंत सोरेन और ममता बनर्जी के बीच अच्छे संबंध: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच आपसी समझ का लाभ इंडिया गठबंधन को मिल रहा है।
टीएमसी के चुनाव न लड़ने से इंडिया गठबंधन को लाभ
झारखंड विधानसभा चुनाव में जहां अधिकतर पार्टियां, चाहे राष्ट्रीय हों या क्षेत्रीय, अपने उम्मीदवार मैदान में उतार रही हैं, वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चुनाव में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। ममता बनर्जी के इस फैसले से इंडिया गठबंधन को संथाल परगना और कोल्हान जैसे क्षेत्रों में लाभ मिल सकता है, जहां टीएमसी की उपस्थिति प्रमुख है और बांग्ला भाषी लोग उन्हें अपना समर्थन देते आए हैं। अगर टीएमसी चुनावी मैदान में होती, तो वोटों का बिखराव हो सकता था।
झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच सहयोगात्मक संबंध
पिछले मानसून के दौरान मैथन डैम से पानी छोड़ने की वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ आई थी, जिसके कारण ममता बनर्जी ने झारखंड की आलोचना भी की थी। इसके बावजूद दोनों राज्यों के संबंधों में कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। कांग्रेस विधायकों की गिरफ्तारी के समय भी ममता बनर्जी की सरकार ने सहयोगात्मक रवैया अपनाया था, जिससे दोनों राज्यों के बीच संबंध मजबूत हुए।
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती
इसके विपरीत, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने झारखंड में कई प्रत्याशी उतारे हैं, जो इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए एक चुनौती बन सकते हैं। सपा के इन प्रत्याशियों से इंडिया गठबंधन को वोट बंटवारे की वजह से नुकसान हो सकता है, जो गठबंधन की जीत की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
हेमंत सोरेन और ममता बनर्जी के संबंधों का सकारात्मक प्रभाव
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच अच्छे संबंध हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव झारखंड चुनावों में इंडिया गठबंधन को मिलता दिख रहा है। ममता बनर्जी का झारखंड चुनाव में हिस्सा न लेना गठबंधन को मजबूत करने की ओर एक अहम कदम माना जा रहा है।