सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल प्लेटफार्म न्यूज क्लिक वेब पोर्टल के प्रधान संपादक और देश के जाने-माने पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया है। दिल्ली पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर महीने में प्रबीर पुरकायस्थ को UAPA के तहत गिरफ्तार किया था। राष्ट्रविरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के साथ ही चीन से फंडिंग लेने का आरोप लगाया गया था। अमेरिकी अखबार में छपी खबर के आधार पर उन्हे गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनपर बिना कोई कारण बताए युएपीए लगा दिया गया।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का राज्य सचिवमंडल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। सीपीआईएम की ओर से कहा गया है कि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उनकी गिरफ्तारी को अवैध माना है। साथ ही दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए काले कानून युएपीए की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत उन्हें लंबे दिनों तक जेल में रखे जाने की साजिश को भी उजागर कर दिया है। पार्टी ने कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एतिहासिक फैसले ने देश की लोकतांत्रिक शक्तियों को सुकून प्रदान किया है। इस फैसले ने भगवा गैंग की साजिश को भी
बेनकाब कर दिया है।