गुरुजी को भारत रत्न मिले”: मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की केंद्र सरकार से भावुक अपील
मुख्य बिंदु
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मंत्री इरफान अंसारी ने केंद्र से की शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग
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कहा – गुरुजी सिर्फ नेता नहीं, आदिवासी आंदोलन के प्रतीक हैं
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जल, जंगल और जमीन के लिए संघर्ष को बताया प्रेरणा स्रोत
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झारखंड आंदोलन के लिए योगदान को बताया राष्ट्रीय धरोहर
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भारत रत्न को बताया झारखंड की आत्मा का सम्मान
रांची:
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भारत सरकार से अपील की है कि झारखंड आंदोलन के पुरोधा और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक दिशुम गुरु शिबू सोरेन को “भारत रत्न” से सम्मानित किया जाए। उन्होंने इस मांग को झारखंड की आत्मा और देश के आदिवासी समाज के सम्मान से जोड़ा है।
गुरुजी सिर्फ नेता नहीं, आंदोलन की आत्मा हैं: अंसारी
डॉ. अंसारी ने अपने बयान में कहा कि शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि एक जननायक, आंदोलनकारी और करोड़ों आदिवासियों की आवाज रहे हैं। उनका संपूर्ण जीवन जल, जंगल और जमीन के अधिकारों के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने झारखंड राज्य के गठन में निर्णायक भूमिका निभाई और आदिवासी समाज को संगठित कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का कार्य किया।
भारत रत्न – एक प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि
मंत्री अंसारी ने जोर देते हुए कहा कि भारत रत्न केवल एक व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि यह उस ऐतिहासिक संघर्ष का मूल्यांकन है जिसने देश के एक बड़े भूभाग को उसकी पहचान, अधिकार और आत्मसम्मान दिलाया। उन्होंने कहा कि गुरुजी का सम्मान, झारखंड के हर नागरिक का सम्मान है।
राज्य आंदोलन को बनाया राष्ट्रव्यापी मुद्दा
अपने बयान में डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन को गाँव-गाँव से उठाकर देशव्यापी बहस का मुद्दा बनाया। उन्होंने संसाधनों पर आदिवासियों के अधिकार के लिए लगातार संघर्ष किया और सामाजिक न्याय, समता और स्वाभिमान की राजनीति को मजबूती दी।
आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं गुरुजी
अंत में, डॉ. अंसारी ने कहा कि दिशुम गुरु शिबू सोरेन का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।
“गुरुजी को भारत रत्न देना न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज को सच्ची श्रद्धांजलि होगी,” उन्होंने कहा।