🔹 मुख्य बिंदु:
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कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने रांची स्थित बालिका आवासीय विद्यालय का औचक निरीक्षण किया
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छात्राओं की उपस्थिति, भोजन, सुरक्षा और पुस्तकालय व्यवस्था की समीक्षा की
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छात्राओं से संवाद कर सरकार की योजनाओं की जानकारी दी
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नवनिर्माणाधीन छात्रावास भवन की प्रगति और गुणवत्ता का निरीक्षण
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सरकार छात्राओं की शिक्षा, हॉस्टल, स्कॉलरशिप और करियर गाइडेंस के लिए प्रतिबद्ध
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महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा को सबसे प्रभावी माध्यम बताया
कल्याण मंत्री ने रांची के बालिका आवासीय विद्यालय का किया औचक निरीक्षण
झारखंड के कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने बुधवार को रांची के जेल मोड़ स्थित राजकीय पिछड़ी जाति +2 आवासीय बालिका उच्च विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय में संचालित शैक्षणिक गतिविधियों, छात्राओं की उपस्थिति, भोजन की गुणवत्ता, आवासीय सुविधाओं, पुस्तकालय और सुरक्षा व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की।
छात्राओं से संवाद और योजनाओं की जानकारी दी
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने विद्यालय प्रबंधन समिति और छात्राओं से सीधे संवाद किया और उन्हें झारखंड सरकार द्वारा संचालित विभिन्न शैक्षणिक और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आज की बेटियाँ डॉक्टर, इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारी बन सकती हैं। अब वह सोच नहीं चलेगी कि लड़कियाँ केवल शादी के बाद घर की जिम्मेदारी निभाएंगी। आज महिलाएँ हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।
नवनिर्माणाधीन छात्रावास भवन का निरीक्षण
मंत्री श्री लिंडा ने विद्यालय परिसर में निर्माणाधीन बालिका छात्रावास भवन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और प्रगति पर संतोष जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि छात्राओं को शीघ्र सुरक्षित, आधुनिक और सुविधायुक्त आवास उपलब्ध कराया जाए।

छात्राओं के समग्र विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार छात्राओं की सभी शैक्षणिक जरूरतों – जैसे किताबें, ड्रेस, हॉस्टल, स्कॉलरशिप और करियर गाइडेंस – की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि छात्राएँ पढ़ाई में मन लगाकर अच्छा प्रदर्शन करें और अपने परिवार, समाज और राज्य का नाम रोशन करें।
महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास की दिशा में प्रयास
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण का सबसे प्रभावशाली माध्यम मानती है। ऐसे औचक निरीक्षणों से यह सुनिश्चित होता है कि योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुँच रहा है। आने वाले समय में ऐसे विद्यालयों और छात्रावासों की संख्या और गुणवत्ता में लगातार सुधार किया जाएगा।