वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बैठक संपन्न
अध्यक्ष मंडल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन
वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष मंडल की बैठक आज मोर्चा के सदस्य फजलुल कादिर अहमद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में इंटरमीडिएट कॉलेज, उच्च विद्यालय, संस्कृत विद्यालय और मदरसा विद्यालय के सभी अध्यक्ष मंडल सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में प्रमुख विषयों पर चर्चा
बैठक में मोर्चा की दो सूत्री मांगों पर गहन विचार-विमर्श किया गया:
- 75% अनुदान वृद्धि का प्रस्ताव – इस प्रस्ताव को वित्त विभाग ने बजट की कमी का हवाला देकर तीन बार लौटाया।
- शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा – स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा भेजा गया पत्र अभी कार्मिक विभाग में लंबित है।
वित्त विभाग पर नाराज़गी
अध्यक्ष मंडल के सदस्यों ने कहा कि वित्त विभाग जानबूझकर वित्तीय स्थिति का बहाना बनाकर अनुदान प्रस्ताव को अस्वीकार कर रहा है। 2015 में अनुदान राशि को दोगुना किया गया था, लेकिन नौ वर्षों के बाद भी महंगाई को ध्यान में रखते हुए 75 करोड़ की वृद्धि का प्रस्ताव ठुकरा दिया गया।
सदस्यों ने कहा कि अन्य योजनाओं के लिए अरबों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन शिक्षकों को 75 करोड़ रुपये का अनुदान न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिक्षकों की स्थिति और छात्र संख्या
- राज्य के वित्त रहित संस्थानों में 3-4 लाख छात्र पढ़ाई करते हैं, जिनमें अधिकतर देहाती, गरीब, आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के हैं।
- 7000-8000 शिक्षक 25 वर्षों से बिना वेतन पढ़ा रहे हैं और उन्हें सिर्फ 4000-5000 रुपये मासिक मिलते हैं।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई। प्रस्तावित निर्णयों को मंत्री परिषद तक पहुंचाने का आह्वान किया गया।
अध्यक्ष मंडल में नए सदस्य का चयन
बैठक में सर्वसम्मति से अंजना खाखा, होली क्रॉस स्कूल, चांडिल को अध्यक्ष मंडल का सदस्य बनाया गया।