छत्तीसगढ़ में 3,000 सहायक शिक्षकों की सेवा समाप्त: शिक्षा और रोजगार पर गहरा संकट
छत्तीसगढ़ में 3,000 बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का फैसला राज्य की शिक्षा व्यवस्था और हजारों परिवारों की आजीविका पर गहरा असर डाल रहा है। यह निर्णय न केवल हृदय विदारक है, बल्कि प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है।
हरियाणा और अन्य भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ में जहां शिक्षक सड़क पर विरोध कर रहे हैं, वहीं भाजपा शासित हरियाणा पेपर लीक जैसे घोटालों का केंद्र बनता जा रहा है। हाल ही में रोहतक में एमबीबीएस का पेपर लीक होना इसका ताजा उदाहरण है।
डबल इंजन सरकार और डबल संकट
भाजपा शासित राज्यों में रोजगार के दोहरे हमले हो रहे हैं:
- पेपर लीक और भ्रष्टाचार: सत्ता की मिलीभगत से पेपर लीक होते हैं, लेकिन सरकार कोई जवाबदेही तय नहीं करती।
- नौकरियों की कमी: आरक्षित पद खाली हैं, भर्तियां नहीं हो रही हैं, और युवाओं के सपने टूट रहे हैं।
बेरोजगारी: युवाओं के लिए भाजपा का अभिशाप
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में युवा भाजपा के भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। देशभर के युवाओं का भविष्य अंधकार में धकेलने के लिए भाजपा और केंद्र सरकार जिम्मेदार मानी जा रही हैं।
मांग: फैसले को तुरंत वापस लिया जाए
सरकार को चाहिए कि वह इस निर्णय को तुरंत रद्द करे और शिक्षकों को उनका हक दे। यह न केवल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए आवश्यक है, बल्कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी अनिवार्य है।
शिक्षा व्यवस्था पर संकट और युवाओं का भविष्य अधर में
कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने लिखा है कि, प्रदेश में 33,000 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं, जबकि 1 लाख नौकरियां देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3,000 सहायक शिक्षकों को बेरोजगार कर दिया। यह फैसला शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर रहा है और बेरोजगारी को बढ़ावा दे रहा है।
सड़कों पर उतरे बीएड धारक शिक्षक
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि, इस कड़ाके की ठंड में नौकरी से निकाले गए बीएड पास महिला शिक्षक दंडवत होकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। सरकार की ओर से इस मामले पर चुप्पी भाजपा सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाती है। रोजगार बढ़ाने के बजाय नौकरी छीनना प्रदेश और देश की मौजूदा दुर्दशा का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है।