सनातन धर्म में गौ माता की महिमा
सनातन धर्म में वेद, उपनिषद, पुराणों सहित समस्त धर्म शास्त्रों में गाय की महिमा का वर्णन किया गया है। गाय को केवल एक पशु नहीं बल्कि माता का सम्मान दिया गया है, जिसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। इसी धार्मिक आस्था के आधार पर संविधान और कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में डालने और उसे राष्ट्रमाता का दर्जा देने का आंदोलन चलाया जा रहा है, ताकि भारत को गौहत्या मुक्त राष्ट्र बनाया जा सके।
गौरक्षा के ऐतिहासिक प्रयास
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से गौमाता की प्रतिष्ठा और रक्षा के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं। 1966 में धर्म सम्राट यतिचक्रचूड़ामणि पूज्य करपात्री जी महाराज के नेतृत्व में गौरक्षा आंदोलन हुआ, जिसमें हजारों गौभक्तों ने बलिदान दिया। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, परम गोभक्त पूज्य गोपाल मणि जी ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन का नेतृत्व किया और इसे पूरे देश में सक्रिय रखा। इस आंदोलन में चारों पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त है।
गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने की मुहिम
गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने और गौहत्या बंदी कानून के लिए एक गौ संसद का आयोजन हुआ, जिसमें “रामा गौ प्रतिष्ठा संहिता” बिल सहित 42 बिंदुओं का धर्मादेश पारित किया गया। इस अभियान को और तेज करने के लिए ज्योर्तिमठ के परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने इस आंदोलन का निर्देशन किया। उन्होंने 14 मार्च से 28 मार्च 2024 तक नंगे पैर पदयात्रा की, जो गोवर्धन से दिल्ली तक चली।
गौ प्रतिष्ठा आंदोलन और गो ध्वज स्थापना यात्रा
गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा का आयोजन 22 सितंबर से 26 अक्टूबर तक किया जा रहा है। यह यात्रा भारत के 37 प्रदेशों की राजधानियों तक जाएगी, जहां हर राजधानी में एक गो ध्वज की स्थापना की जाएगी। पूज्य गोपाल मणि जी महाराज, शंकराचार्य जी के साथ हर कदम पर रहेंगे और इस यात्रा के सफल संचालन के लिए समर्पित रहेंगे।
गो प्रतिष्ठा सम्मेलन
प्रत्येक राज्य की राजधानी में गो प्रतिष्ठा सम्मेलन का आयोजन होगा। इसका शुभारंभ अयोध्या से होगा, जहां भगवान रामलला का निवास है। यह यात्रा पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और उत्तर होते हुए 26 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी। 5 अक्टूबर को रांची में पूज्य शंकराचार्य जी सुबह 9 बजे पहुंचेंगे और 12 से 1 बजे तक गो ध्वज की स्थापना करेंगे।
यात्रा का उद्देश्य
इस गो ध्वज स्थापना यात्रा का उद्देश्य पूरे भारत के गोभक्त हिंदुओं को एकजुट करना है। इसका लक्ष्य गौमाता की दुर्गति और गोहत्या के कलंक को समाप्त कर, गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना है।
गोपाष्टमी पर महासम्मेलन
इस यात्रा के बाद, दिल्ली में 7, 8 और 9 नवंबर को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गो प्रतिष्ठा महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह सम्मेलन सरकार से गौहत्या के कलंक को मिटाने और गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए निर्णायक साबित होगा।