संत जेवियर्स कॉलेज में जस्टिस एम वाई इकबाल की विरासत पर संगोष्ठी
कार्यक्रम की शुरुआत संत जेवियर्स कॉलेज के ऑडिटोरियम में इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स, झारखंड के तत्वावधान में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एम वाई इकबाल के जीवन और विरासत के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अफाक रशीदी और सुभाशीष रसिक सोरेन ने की।
अतिथियों का स्वागत बुके देकर किया गया और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके बाद संविधान का पाठ किया गया। शुरुआती भाषण सेंट जेवियर्स कॉलेज के प्रिंसिपल फादर रॉबर्ट प्रदीप कुजूर ने दिया। स्वागत भाषण हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रत्नाकर भेंगरा ने दिया, जबकि कार्यक्रम का परिचय इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के महासचिव ए के रसीदी ने कराया। सुप्रीम कोर्ट के जज संदीप मेहता ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।
न्यायिक क्षेत्र में योगदान जस्टिस एम वाई इकबाल ने विधिशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ‘फेयर ट्रायल’ की पक्षधरता में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा। कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके न्यायिक दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
उनका जीवन परिचय
- जन्म: 13 फरवरी 1951, रांची
- स्नातक: 1970, रांची विश्वविद्यालय
- 1993: सरकारी उच्च न्यायालय में सरकारी वकील नियुक्त
- 9 मई 1996: पटना उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति नियुक्त
- 14 नवंबर 2000: झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के रूप में पदस्थापित
महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय
- सामाजिक न्याय के पक्ष में मुखर रहते हुए पी.आई.एल से जुड़े मामलों की संजीदगी से सुनवाई
- एसिड अटैक पीड़ितों को दिव्यांगता की श्रेणी में डालने का ऐतिहासिक निर्णय
- महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कई अहम फैसले
- बलात्कार और यौनिक हिंसा पीड़ितों के लिए अभियुक्त द्वारा मुआवजा और कठोर दंड का प्रावधान
- संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 के तहत गरिमा के साथ जीवन जीने के अधिकार को समृद्ध किया
संविधान और न्याय का संतुलन जस्टिस इकबाल ने व्यक्ति और सत्ता के बीच के अंतर को विधिवत परिभाषित किया। उन्होंने हमेशा न्याय के पथ पर चलते हुए संविधान के मूल सिद्धांतों को सशक्त किया।
उपस्थित गणमान्य अतिथि इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एम एस रामचंद्र राव, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस रॉन्गन मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंदा सेन, जस्टिस अनिल कुमार चौधरी, जस्टिस नवनीत कुमार, जस्टिस संजय प्रसाद, पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रत्नाकर भेंगरा, झारखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा, महासचिव वाई एस लोहित, इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के जनरल सेक्रेटरी ए के रसीदी, अधिवक्ता अजहर अहमद खान, फादर पीटर मार्टिन सहित झारखंड के विभिन्न जिलों के न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता और कानून से जुड़े अनेक प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे।