सत्यानंद भोक्ता के परिवार का राजनीतिक भविष्य संकट में
झारखंड के पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता और उनके परिवार का राजनीतिक भविष्य फिलहाल संकट में नजर आ रहा है। चतरा विधानसभा चुनाव में उनकी बहू रश्मि प्रकाश की हार के बाद उनके लिए स्थिति और कठिन हो गई है। हालांकि, इस बीच राष्ट्रीय जनता दल ने रश्मि प्रकाश को झारखंड प्रदेश महिला अध्यक्ष के तौर पर नामित किया है।
बहू के सहारे सक्रिय राजनीति में बने रहने की कोशिश
सत्यानंद भोक्ता ने रश्मि प्रकाश को पार्टी में एक प्रमुख स्थान दिलाकर अपने परिवार की राजनीतिक सक्रियता बनाए रखने की कोशिश की है। पार्टी में उन्हें यह स्थान दिलाने के पीछे प्रमुख वजह परिवार को राजनीति में सक्रिय बनाए रखना है।
महिला मोर्चा की अध्यक्ष की खाली जगह हुई पूरी
पूर्व अध्यक्ष रानी सिंह के पार्टी से नाता तोड़कर विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ने के कारण महिला मोर्चा की अध्यक्ष की कुर्सी खाली हो गई थी। पार्टी को महिला मोर्चा के लिए एक नई अध्यक्ष की जरूरत थी, जिसे रश्मि प्रकाश की नियुक्ति से पूरा किया गया है।
बंधु तिर्की के मॉडल पर चलने की कोशिश
सत्यानंद भोक्ता ने बंधु तिर्की की रणनीति को अपनाने की कोशिश की। बंधु तिर्की ने अपनी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को चुनाव जिताकर और कैबिनेट मंत्री बनाकर परिवार की राजनीतिक सक्रियता कायम रखी है। सत्यानंद भोक्ता भी अपनी बहू के माध्यम से ऐसा करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन अब तक इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली है।
रश्मि प्रकाश की नई भूमिका से जगी उम्मीद
हालांकि, रश्मि प्रकाश को झारखंड प्रदेश महिला अध्यक्ष बनाए जाने के बाद परिवार को एक नई उम्मीद जरूर मिली है। इस नई भूमिका के जरिए रश्मि प्रकाश न केवल अपनी पहचान बनाएंगी, बल्कि सत्यानंद भोक्ता के परिवार की राजनीतिक स्थिति को भी मजबूत करने में मददगार साबित हो सकती हैं।