झारखंड में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की नई पहल
झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए सप्ताह में दो दिन फील्ड विजिट करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय विभाग की योजनाओं को धरातल पर समझने और उनके प्रभाव का आकलन करने के उद्देश्य से लिया गया है।
फील्ड विजिट के निर्देश
- समीक्षा बैठक: नेपाल हाउस में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने पहली विभागीय समीक्षा बैठक की।
- अधिकारियों को निर्देश: अधिकारियों को सप्ताह में दो दिन फील्ड विजिट करने और योजनाओं की प्रगति को समझने का निर्देश दिया गया।
ग्रामीण हाट-बाजार का विकास
- हाट-बाजार के पुनरुद्धार का निर्णय: जर्जर ग्रामीण हाट-बाजारों को सुधारने के लिए विभाग राशि खर्च करेगा।
- ग्रामीण बाजार का विकास: किसानों के उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीण स्तर पर बाजारों को विकसित किया जाएगा।
योजनाओं की जानकारी और ब्लॉक स्तर पर कैलेंडर
- योजना कैलेंडर जारी होगा: विभागीय योजनाओं की पूरी जानकारी के लिए ब्लॉक स्तर पर योजना कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है।
- लाभुकों तक पहुंच सुनिश्चित करना: सही जानकारी के अभाव में लाभुकों तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता, जिसे दूर करने के प्रयास होंगे।
केंद्र सरकार की योजनाओं पर जोर
- समीक्षा और कार्यान्वयन: केंद्र सरकार की योजनाओं की विभागीय समीक्षा के बाद ही उन्हें लागू करने का निर्देश दिया गया है।
- सहयोगात्मक दृष्टिकोण: विभागीय सहमति के बाद ही योजनाओं पर अमल होगा।
कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट
- पुराने कोल्ड स्टोरेज का उपयोग: नए कोल्ड स्टोरेज बनाने के बजाय पुराने स्टोरेज को चालू करने पर फोकस रहेगा।
- आलू की खेती: राज्य में आलू की खेती के लिए स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट की आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाएगी।
पशु बाजार और डेयरी विकास
- पशु बाजार की पहल: ग्रामीण इलाकों में पशु खरीद-बिक्री के लिए बाजार विकसित किए जाएंगे।
- मेधा डेयरी का प्रचार: मेधा डेयरी को तेजी से प्रमोट करने का निर्णय लिया गया है।
किसानों के लिए नई संभावनाएं
- फसल चक्र में बदलाव: किसान खरीफ फसल पर अधिक ध्यान देते हैं, लेकिन रवि फसल के प्रति भी जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
- उद्योग विभाग से समन्वय: आलू की खेती और प्रोसेसिंग के लिए उद्योग विभाग के साथ सामंजस्य बैठाने पर जोर दिया जाएगा।