मंईयां सम्मान योजना: एक क्रांतिकारी कदम
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में मंईयां सम्मान योजना को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि यह योजना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए बताया कि योजना के तहत मिलने वाली राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है, जिससे सरकार ने अपना वादा पूरा किया है।
रोजगार और भर्ती प्रक्रियाओं पर जोर
मुख्यमंत्री ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के माध्यम से रोजगार देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य में 48,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिनमें से कुछ भर्तियां अंतिम चरण में हैं और कुछ पदों पर नियुक्तियां पहले ही पूरी हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने 11वीं और 13वीं जेपीएससी परीक्षाओं का भी जिक्र किया और कहा कि इन नियुक्ति प्रक्रियाओं को जल्द ही संपन्न किया जाएगा। यह कदम राज्य में रोजगार सृजन और युवाओं के भविष्य निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
महत्वपूर्ण बातें
गणतंत्र दिवस के संबोधन में मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों पर बात की, लेकिन मंईयां सम्मान योजना और रोजगार सृजन पर दिए गए वक्तव्य को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन योजनाओं के जरिए राज्य सरकार आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह संबोधन झारखंड की महिलाओं और युवाओं के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है। मंईयां सम्मान योजना जहां महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, वहीं रोजगार से जुड़ी योजनाएं राज्य के युवाओं को एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं।