झारखंड में आगामी चुनावों के मद्देनज़र, भाजपा की घोषणाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने भाजपा के पांच बिंदुओं वाले घोषणापत्र पर तंज कसते हुए कहा कि जो पार्टी एक बार में अपना घोषणापत्र जारी नहीं कर सकती, वह झारखंड में सरकार बनाने का सपना देख रही है। भाजपा ने गठबंधन सरकार को गिराने और बदनाम करने के हर संभव प्रयास किए, लेकिन झारखंड की जनता उनके जहरीले एजेंडे से प्रभावित नहीं हुई।
भाजपा के बड़े नेता भी नहीं बदल सके जनता की सोच
परिवर्तन यात्रा के जरिए भाजपा ने झारखंड में अपने कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, और गृहमंत्री भेजे, लेकिन वे विफल रहे। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दो बार बुलाया गया, लेकिन जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। भाजपा के नेताओं ने समझ लिया है कि उनकी घोषणाओं से जनता का दिल-दिमाग नहीं बदला जा सकता, और इसीलिए उनके पास मुद्दों की कमी हो गई है। इसी कारण से भाजपा एक साथ अपना घोषणापत्र भी तैयार नहीं कर पाई।
कांग्रेस का आरोप: प्रपंच पत्र है भाजपा का घोषणापत्र
सोनाल शांति ने भाजपा के घोषणापत्र को “प्रपंच पत्र” कहकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सत्ता हथियाने के षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार ने “मैयां सम्मान योजना” के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता दी है और सत्ता में वापसी पर इसे बढ़ाने की योजना है। झारखंड की जनता को 8 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित कर दिया गया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना शुरू की, जिसके तहत लाखों घर बनाए जा रहे हैं।
भाजपा की रणनीतिक और मानसिक हार
सोनाल शांति ने यह भी कहा कि भाजपा का घोषणापत्र उनकी रणनीतिक और मानसिक हार को दर्शाता है, जबकि महागठबंधन सरकार की नैतिक जीत को। भाजपा के झूठ और षड्यंत्र की पोल किश्तों में खुलेगी, और यही इस घोषणापत्र से स्पष्ट होता है।