झारखंड मॉडल दिल्ली में अपनाने की तैयारी, फिर से सत्ता की जुगत में केजरीवाल।

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हेमंत सोरेन की राह पर अरविंद केजरीवाल

झारखंड में हेमंत सोरेन की वापसी

झारखंड विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं, और एक बार फिर हेमंत सोरेन की सरकार सत्ता में है। इस जीत में मंंईयां सम्मान योजना की भूमिका को अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस योजना ने सोरेन सरकार को दोबारा सत्ता में लाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का चुनावी दांव

दिल्ली में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। वर्तमान में वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है। अरविंद केजरीवाल ने झारखंड के मॉडल को अपनाते हुए महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है। उन्होंने महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये देने की घोषणा की है।

पुजारियों और ग्रंथियों के लिए विशेष योजना

अब अरविंद केजरीवाल ने मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लिए भी बड़ी घोषणा की है। उन्होंने इन धार्मिक सेवकों को हर महीने 18,000 रुपये भत्ता देने का वादा किया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए यह भी स्पष्ट किया कि आज से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

भाजपा पर निशाना

केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा इस योजना को रोकने की कोशिश करती है तो यह एक बड़ा पाप होगा। उनका इशारा साफ है कि इस योजना से उन्हें चुनावी फायदा मिलने की उम्मीद है।

सीधा आर्थिक लाभ देने का चुनावी फॉर्मूला

झारखंड की मंंईयां सम्मान योजना की तरह ही दिल्ली में भी आर्थिक लाभ को सीधा जनता से जोड़ने की कोशिश हो रही है। झारखंड चुनाव में इस रणनीति ने सफलता दिलाई, और केजरीवाल इसी फॉर्मूले को दिल्ली में दोहराना चाहते हैं। चुनावी राजनीति में जनता को आर्थिक लाभ देने की योजनाओं का बड़ा महत्व होता है। झारखंड की सफलता के बाद अब दिल्ली में भी यही मॉडल अपनाने की तैयारी है। अरविंद केजरीवाल को उम्मीद है कि यह रणनीति उनके लिए लाभकारी साबित होगी।

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