प्रतुल शाहदेव का आरोप: माओवादी संगठनों और एनजीओ ने रचा चुनावी षड्यंत्र।

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मुख्य बातें.

  1. माओवादी बयान: भाजपा की हार पर भाकपा माओवादियों की प्रतिक्रिया संदिग्ध।
  2. चुनाव बहिष्कार और प्रतिक्रिया: माओवादियों का चुनाव का बहिष्कार करने के बावजूद हार पर खुशी जताना चिंताजनक।
  3. एनजीओ पर आरोप: विदेशी फंडिंग से संचालित एनजीओ की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता।
  4. भाजपा की मांग: माओवादियों और एनजीओ की गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच।
  5. सरकार से अपील: संदिग्ध संगठनों पर सख्त कार्रवाई और फंडिंग पर रोक।


विधानसभा चुनाव में राष्ट्र विरोधी शक्तियों की सक्रियता पर प्रतुल शाहदेव का बयान

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड विधानसभा चुनाव में राष्ट्र विरोधी शक्तियों की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने माओवादी संगठनों और संदिग्ध एनजीओ की गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

माओवादी संगठनों की भूमिका पर सवाल

  • भाकपा माओवादियों ने भाजपा की हार पर जनता को बधाई दी, जिससे मामला संदिग्ध बनता है।
  • माओवादियों के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता आजाद ने मीडिया के माध्यम से यह बयान दिया।
  • प्रतुल ने कहा कि जो संगठन चुनाव का बहिष्कार करते हैं, वे भाजपा की हार पर खुशी क्यों जता रहे हैं?
  • उन्होंने आशंका जताई कि क्या माओवादियों ने चुनाव के दौरान पर्दे के पीछे कोई षड्यंत्र रचा था?

एनजीओ की संदिग्ध भूमिका

  • कई एनजीओ पर विदेशी फंडिंग के जरिए राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप।
  • भाजपा और गठबंधन प्रत्याशियों को हराने के लिए इन एनजीओ ने कथित रूप से सक्रियता दिखाई।
  • इन एनजीओ का उद्देश्य राजनीति में हस्तक्षेप करना है, न कि समाजसेवा।
  • प्रतुल ने कहा कि भाजपा पहले भी धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एनजीओ की जांच की मांग कर चुकी है।

उच्च स्तरीय जांच की मांग

  • माओवादियों के चुनाव के दौरान किए गए बयानों और गतिविधियों की जांच होनी चाहिए।
  • संदिग्ध एनजीओ की भूमिका और उनके फंडिंग स्रोतों की गहन जांच की जाए।
  • केंद्र और राज्य सरकार से ऐसे संगठनों पर रोक लगाने की अपील।

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