हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं!
रांची– भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी समाज के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। राजधानी रांची में सिरमटोली फ्लाईओवर का निर्माण कई वर्षों से जारी है, लेकिन इसके प्रस्तावित रैम्प से सरना स्थल को खतरा पैदा हो गया है। आदिवासी संगठनों ने इस मुद्दे को कई बार उठाया, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि हेमंत सोरेन वास्तव में आदिवासी समाज के हितों के प्रति प्रतिबद्ध होते, तो पहले ही कोई वैकल्पिक समाधान निकाल लिया गया होता। लेकिन सरकार की निष्क्रियता से यह स्पष्ट हो रहा है कि वह केवल आदिवासी हितैषी होने का दिखावा कर रही है और घड़ियाली आंसू बहा रही है।
अवैध कोयला कारोबार से झारखंड को नुकसान
इसके अलावा, झारखंड में अवैध कोयला कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है, जो राज्य को आर्थिक रूप से कमजोर कर रहा है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों का आरोप है कि यह व्यापार सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहा है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है।
पुलिस प्रशासन पर वसूली का आरोप
झारखंड में विधि व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के बजाय अवैध वसूली में लगा हुआ है। आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन की इस लापरवाही से राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
बाबूलाल ने कहा कि, सरना स्थल की सुरक्षा से लेकर अवैध कोयला कारोबार और बिगड़ती कानून व्यवस्था तक, इन सभी मुद्दों पर हेमंत सोरेन सरकार की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्या सरकार वास्तव में आदिवासियों और राज्य की भलाई के लिए काम कर रही है, या फिर केवल राजनीतिक फायदे के लिए आदिवासी हितों का उपयोग कर रही है? जनता इन सवालों का जवाब चाहती है