न्याय और अधिकार के सवाल पर होटल ताज रांची में झारखंड छात्र संघ एवं आमया संगठन की बैठक हुई। इस दौरान आमया के केन्द्रीय अध्यक्ष एस. अली ने कहा कि, आज युवाओं के अधिकार और सम्मान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यूनिवर्सिटी काॅलेज में छात्रहित से जुड़े मामले हल नहींं हो रहे। युवाओं को रोजगार मिले इसकी समुचित पहल नहीं हो रही है। जेपीएससी और जेएसएससी मनमानी कर रहा है। सचिवालय सहायक के स्वीकृत पद को घटाने का प्रयास हो रहा है। प्रारम्भिक सहायक शिक्षक और उर्दू सहायक शिक्षक पद का नाम बदलकर सहायक आचार्य कर दिया गया। ग्रेड पे 4200 एवं 4800 से घटाकर 2400 व 2800 कर दिया गया है।
एस. अली ने कहा कि, भारतीय मुसलमानों ने कभी धर्म के आधार पर या एससी, एसटी आरक्षण में हिस्सेदारी की मांग नहीं की। बल्कि आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति के आधार पर आरक्षण की वकालत करता है। मुस्लिम पासमांदा तबके को एससी श्रेणी में शामिल करने की बात कही गई है जो अबतक पूरा नहीं हुआ।
सच्चर समिति की सिफारिश ने भारतीय मुसलमानों का मजाक बनाया। आज भारतीय मुस्लिम के सिविल लॉ के साथ प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 , दी वक्फ एक्ट 1995 का संरक्षण की जरूरत है। चुनावों में स्थानीय एवं राष्ट्रीय मुद्दों के साथ अपने न्याय अधिकार और सम्मान को मुद्दा बनायें।
इस मौके पर आमया संगठन के संयोजक इस्मे आज़म, झारखंड छात्र संघ संगठन प्रभारी जियाउद्दीन अंसारी, आमया के उपाध्यक्ष इमरान अंसारी, महासचिव रहमतुल्लाह अंसारी, सचिव नौशाद आलम, एकराम हुसैन, जिला अध्यक्ष अफताब आलम, गफ्फार अंसारी, अंजुम खान, अमीन अंसारी, अब्दुल बारिक, आसिफ अंसारी, मो0 शाहनवाज़, फिरोज अंसारी, लतीफ अंसारी, शामी अहमद, मो0 हारिश, अबुरेहान, इकराम अंसारी,नसीम अंसारी, अब्दुल मजीद, इरफान अंसारी, सिद्दीक अंसारी, मोबिन अंसारी, सरफराज सामी, अल्ताफ अंसारी, मो0 अफसर, तहमीद अंसारी, बकरीद अंसारी,अब्दुल्लाह बसीर, तौफीफ़ अंसारी, ज़ैनुल आबेदीन, मंजूर अंसारी, आसीफ कलाम, इरशाद अंसारी सहित कांके, बुढ़मू, खलारी, मांडर, बेड़ों , ईटकी, नगड़ी, रातू, ओरमांझी के पदाधिकारी शामिल थे।