ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ के तहत लोहरदगा रेलवे स्टेशन से दो नाबालिग बच्चे सुरक्षित बचाए गए
प्रमुख बिंदु:
-
RPF पोस्ट लोहरदगा ने दो भटके हुए नाबालिगों को स्टेशन पर पकड़ा
-
बच्चों ने बिना बताए घर छोड़ा था, RPF ने चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंपी सूचना
-
कमांडेंट पवन कुमार के निर्देश पर चल रहा ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते”
-
RPF कर्मियों की संवेदनशील कार्रवाई की हो रही सराहना
ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ के तहत लोहरदगा RPF की सतर्कता रंग लाई
लोहरदगा रेलवे स्टेशन पर उस समय राहत की सांस ली गई, जब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) पोस्ट लोहरदगा ने अपनी सजगता और मानवीय संवेदनशीलता के साथ दो नाबालिग बच्चों को सुरक्षित बचाया।
यह कार्रवाई कमांडेंट पवन कुमार के दिशा-निर्देश में चल रहे ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते” के तहत की गई, जिसका उद्देश्य रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में असहाय व असुरक्षित बच्चों की पहचान कर उन्हें सुरक्षा प्रदान करना है।
स्टेशन परिसर में भटकते मिले दो नाबालिग
RPF के अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर नियमित गश्ती के दौरान दो नाबालिग लड़कों को बिना किसी स्पष्ट उद्देश्य के घूमते हुए पाया गया। संदेह होने पर उन्हें रोका गया और विनम्रता से पूछताछ की गई।
बच्चों की पहचान इस प्रकार हुई:
-
मोहित उरांव, उम्र – लगभग 08 वर्ष, निवासी – टिनमुहा, कथाल मोड़, थाना – पुंदाग, जिला – रांची
-
रोहित कुमार, उम्र – लगभग 14 वर्ष, निवासी – मुरहू, गोढ़ा टोली, थाना – खूंटी, जिला – खूंटी
दोनों बच्चों ने बताया कि वे बिना बताए अपने घर से निकल गए थे।
चाइल्ड हेल्पलाइन को दी गई तत्काल सूचना
RPF ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन, लोहरदगा को सूचित किया। सूचना मिलने पर नितीश कुमार (पर्यवेक्षक) RPF पोस्ट पहुंचे। सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं के बाद, दोनों बच्चों को सुरक्षित रूप से चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिया गया।
इन RPF अधिकारियों ने निभाई अहम भूमिका
इस सराहनीय कार्य में निम्नलिखित RPF कर्मियों ने उल्लेखनीय योगदान दिया:
-
उपनिरीक्षक एल.के. मिश्रा
-
सहायक उप निरीक्षक एम.के. सिंह
-
प्रधान आरक्षी ए. रॉय
-
प्रधान आरक्षी एस.आर. इंदवार
स्थानीय लोगों और प्रशासन ने की भूरी-भूरी प्रशंसा
रेलवे परिसर में गश्ती दल की इस संवेदनशील कार्रवाई की स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों द्वारा प्रशंसा की जा रही है। इस घटना ने साबित किया कि रेलवे सुरक्षा बल सिर्फ ट्रेन और स्टेशन की सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि समाज की ज़िम्मेदार संरचना का हिस्सा भी है।