प्रधानमंत्री का कार्यक्रम और सत्याग्रह की शुरुआत
एक ओर झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम चल रहा है, तो दूसरी ओर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की सीजीएल परीक्षा में हुई गंभीर गड़बड़ियों के खिलाफ सत्याग्रह शुरू हो गया है। यह सत्याग्रह राजधानी रांची के बापू वाटिका में गांधी जयंती के दिन से शुरू हुआ। हालांकि, इसमें शामिल छात्रों की संख्या कम है, लेकिन उनके हौसले बेहद बुलंद नजर आ रहे हैं।
सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग
न्यूज़ मॉनिटर से बातचीत करते हुए छात्रों ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में सीजीएल परीक्षा को रद्द करना होगा। 30 सितंबर को भारी संख्या में छात्र विरोध प्रदर्शन करने उतरे, लेकिन JSSC ने उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ किया। अब समय आ गया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चलकर न्याय की मांग की जाए। इसी उद्देश्य से गांधी जयंती के दिन से सत्याग्रह की शुरुआत की गई है।
छात्र नेताओं का संदेश
छात्र नेता इमामसफी और कहकशां ने कहा कि छात्रों को अपने हक के लिए डरने की जरूरत नहीं है। अब गांधीवादी मार्ग ही अपनाना होगा। 30 सितंबर के आंदोलन के बाद कई छात्रों और कोचिंग संचालकों पर प्राथमिकियां दर्ज की गईं, जिससे छात्र थोड़ा असमंजस में हैं। लेकिन अपने अधिकार के लिए अब उन्हें आगे आना होगा।
प्रश्न पत्र लीक का आरोप
21 और 22 सितंबर को JSSC ने सीजीएल परीक्षा का आयोजन किया। परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। जैसे ही इंटरनेट बहाल हुआ, छात्रों ने प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। 30 सितंबर को बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जुटे, लेकिन आयोग का कहना है कि इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
राजनीतिक हलचल
इस मुद्दे पर राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा इस आंदोलन को कोचिंग गैंग द्वारा प्रायोजित बता रहा है, जबकि विपक्षी पार्टी बीजेपी इस परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने की मांग कर रही है।