दिल्ली ( Delhi):- कभी-कभी छोटी सी बात भी ऐसे दिल में लग जाती है किसी के दिल में कि वह सहन नहीं कर सकता है. ऐसा ही कुछ हुआ, कि एक नौकर को अपनी मालकिन की फटकार बर्दाश्त नहीं हुई और बेटे सहित उसे भी मौत की नींद सुला दी. यह दिल दहला देने वाली और दहशत से भरी वारदात देश की राजधानी दिल्ली के लाजपत नगर-1 इलाके की है.
डांट मिली तो कर दी हत्या
यहां बुधवार की रात एक मां और उसके 14 वर्षीय बेटे की उसके घर में ही बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी. इस हत्या को अंजाम देने वाला कोई दूसरा नहीं बल्कि घर का ही नौकर था. जो इस हत्याकांड को करके फरारहो गया.
42 साल की रुचिका और उनके 14 साल के बेटे कृष को बड़ी बेदर्दी से हत्या कर दी गई. पुलिस के अनुसार आरोपी घरेलू सहायक ने अपनी मालकिन की डांट से इस कदर नाराज हो गया कि उसने उसकी जिंदगी से ही हटाने की ठान ली . हालांकि, इस वारदात को अंजाम देकर ज्यादा देर फरार नहीं हो सका और दिल्ली पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस की सख्ती से पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया और बताया कि “मैडम ने मुझे डांट दिया था, इसीलिए मैंने गुस्से में आकर दोनों को मार डाला”
हत्याकांड के बाद नौकर फरार
इस वारदात को अंजाम देने के बाद घरेलू नौकर फरार हो गया था. इस बात का खुलासा तब हुआ जब मृतक रूचिका के पति कुलदीप देर रात घर लौटा और देखा कि दरवाजा अंदर से बंद था और सीढ़ियों पर खून के धब्बे लगे हुए हैं. इस अनहोनी की आशंका होने के बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी. रात को करीब 9 बजकर चालिस मिनट में पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़ा तो बेडरुम में रूचिका की लाश पड़ी थी और बेटा कृष बाथरुम में खून से लथपथ पड़ा मिला. दोनों के गर्दन में हथियार से कई वार किए गये थे.
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना स्थल की फॉरेंसिक टीम द्वारा गहन जांच की जा रही है. हत्या में इस्तेमाल चाकू को बरामद कर लिया गया है. पुलिस ने IPC की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. इसके बाद आरोपी को अदालत में पेशी की जाएगी.
एक भरोसे का कत्ल
इस दोहरे हत्याकांड के बाद लाजपत नगर में दशहत का आलम पसरा हुआ और हर किसी के दिमाम में इस सनसनीखेज हत्याकांड़ की ही चर्चा चल रही है. पड़ोसियों को भी यकीन नहीं था कि एक घरेलू नौकर इस तरह की हत्या को अंजाम देगा. हर कोई इस वारदात से ही स्तब्ध और चिंतित है. पड़ोसियों का कहना है कि रुचिका और उनके परिवार का व्यवहार बेहद ही शांत और मधुर था. किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि इस तरह की घटना हो जाएगी. इस जघन्य हत्याकांड ने एक बात तो सामने ला दिया कि आखिर भरोसा किस पर किया जाए, कब किसी के मन में क्या पल रहा है औऱ क्या कर दे इस वारदात के बाद तो भरोसा ही लोगों का किसी पर उठ गया है.