केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। हालांकि, इस बार सहयोगी दलों के आश्रय ही प्रधानमंत्री बन पा रहे हैं। इस बार केंद्र में ना तो मोदी की सरकार है और न बीजेपी की सरकार है बल्कि एनडीए की सरकार है।
Highlights-
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मोदी की ताजपोशी और झारखंड।
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मोदी कैबिनेट में झारखंड का चेहरा कौन।
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भाजपा को करना होगा समझौता।
मोदी की ताजपोशी और झारखंड।
मोदी कैबिनेट में झारखंड से पिछली बार दो-दो मंत्री थे। अर्जुन मुंडा के साथ ही अन्नपूर्णा देवी को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। पिछली बार भाजपा के पास 11 सीटें थीं। इस बार वह आठ हो गई हैं। ऐसे में साफ है कि, मोदी मंत्रिमंडल में भी झारखंड से प्रतिनिधित्व घटेगा। सबसे खास बात यह है कि, इस बार झारखंड से एक भी एसटी चेहरा जीतकर दिल्ली नहीं पहुंचा है। ऐसे में झारखंड को इसका भारी नुकसान होगा। पिछली बार अर्जुन मुंडा को इसके तहत बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी।
मोदी कैबिनेट में झारखंड का चेहरा कौन।
मोदी कैबिनेट में झारखंड को हिस्सा नहीं मिलने का सीधा असर झारखंड के विकास पर पड़ेगा और झारखंड की अपेक्षा होगी। वैसे भी झारखंड में इंडिया गठबंधन की सरकार होने की वजह से केंद्र से रिश्ते अच्छे नहीं रहते हैं। 2019 से लेकर अब तक देखें तो दोनों ही सरकारों के बीच कई मुद्दों पर तनातनी की स्थिति रही है। इस बार भी राजनीतिक तौर पर तल्खी देखी जा सकती है।
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भाजपा को करना होगा समझौता।
झारखंड ही नहीं बल्कि अब राजस्थान और गुजरात की भी स्थिति अच्छी नहीं है। यहां से भी इस बार मोदी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व घटेगा। दरअसल, एनडीए में कई घटक दल हैं जिन्हें खुश करने के लिए या फिर जिनकी मांग के मुताबिक विभाग देना मोदी के लिए जरूरी होगा। खासकर टीडीपी और जदयू के लिए। ऐसे में भाजपा को ही समझौता करना होगा।