वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के हजारों शिक्षक 31 जुलाई 2024 को अपनी तीन सूत्री लंबित मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम के आवास का घेराव करेंगे। इस घेराव कार्यक्रम में सबसे आगे राज्य भर से आई महिला शिक्षिकाएं रहेंगी। महिला शिक्षिकाओं के बाद मदरसा शिक्षक उजली टोपी पहनकर रहेंगे। उनके पीछे संस्कृत शिक्षक पीले वस्त्र पहनकर और हाथ में शंख लेकर रहेंगे। संस्कृत शिक्षकों के पीछे उच्च विद्यालय एवं इंटर कॉलेज के शिक्षक कर्मचारी रहेंगे।
मोर्चा की समीक्षा बैठक
इन निर्णयों को मोर्चा के अध्यक्ष मंडल की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में कहा गया कि वर्षों से वित्त रहित शिक्षक कर्मचारी अनुदान की राशि 75% बढ़ाने, राज्य कर्मी का दर्जा देने और अनुदान की राशि सीधे उनके खाते में भेजने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार केवल आश्वासन देती है, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री को ज्ञापन और विधानसभा के सामने धरना
मोर्चा विधानसभा के सामने धरना देता है और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इस कारण बाध्य होकर मोर्चा ने शिक्षा मंत्री के आवास को घेरने का निर्णय लिया है। इसके लिए मोर्चा के नेताओं का राज्यव्यापी दौरा चल रहा है और वे शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंप चुके हैं।
आगामी कार्यक्रम
- 02 अगस्त: विधानसभा के सामने धरना।
- 09 अगस्त: क्रांति दिवस पर राज्यपाल के सामने महा जूटान और ज्ञापन सौंपना।
- 21 अगस्त: मुख्यमंत्री के आवास का घेराव।
प्रदर्शन जारी रहेगा
बैठक में तय किया गया कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती, मोर्चा का घेराव प्रदर्शन जारी रहेगा।
बैठक में उपस्थित नेता
इस बैठक में कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, फजलुल कादरी अहमद, संजय कुमार, गणेश महतो, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, देवनाथ सिंह, नरोत्तम सिंह, मनोज तिर्की, रघु विश्वकर्मा, एन के सिंह, और रणजीत मिश्रा उपस्थित थे।
शिक्षक कर्मचारियों से आह्वान
बैठक में राज्य भर के शिक्षक कर्मचारियों से आह्वान किया गया कि अधिक से अधिक संख्या में अपने-अपने संस्थान से बैनर तथा पुस्तकों के साथ घेराव कार्यक्रम में पहुंचें। घेराव कार्यक्रम शालीमार बाजार धुर्वा रांची से शुरू होगा। पंक्तिबद्ध होकर रैली की शक्ल में वहां से निकलेंगे। बैठक में तय किया गया कि उस दिन सारे स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे और शिक्षक कर्मचारियों को 11:00 बजे तक शालीमार बाजार के मैदान में पहुंच जाना है।