झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन आज यानी 29 अप्रैल को गांडेय उपचुनाव के लिए नॉमिनेशन करेंगी। इस दौरान इंडिया गठबंधन के तमाम लोग मौजूद रहेंगे। आपको बता दें कि, यह सीट सरफराज अहमद के इस्तीफा के बाद खाली हुई है। फिलवक्त सरफराज अहमद झामुमो से राज्यसभा के सदस्य हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा आम है कि, सरफराज अहमद का इस्तीफा इसी वजह से लिया गया ताकि वहां से कल्पना सोरेन को चुनावी मैदान में उतारा जा सके।
कल्पना सोरेन के लिए यह चुनाव जीतना बेहद जरूरी है। यह उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत है। शुरू में ही अगर विराम लग गया तो फिर उनका राजनीतिक करियर डावांडोल हो सकता है। यही वजह है की पूरी पार्टी और पूरा एलाइंस इस उपचुनाव को लेकर जी तोड़ मेहनत कर रहा है। खुद कल्पना सोरेन भी गांडेय का लगातार दौरा कर रही हैं।
सोरेन परिवार की बहू होने की वजह से कल्पना सोरेन को खास तवज्जो भी मिल रही है। हालांकि, इस वजह से सीता सोरेन नाराज भी थीं। बाद में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। फिलहाल, सीता सोरेन दुमका से लोकसभा की प्रत्याशी हैं। ऐसे में सीता सोरेन की नजर भी इस उपचुनाव पर टिकी हुई है।
पति हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में होने वाले इस चुनाव पर कल्पना सोरेन का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है। कल्पना सोरेन को उपचुनाव जीतने के साथ ही झामुमो कोटे की सभी सीटों को जीताने की भी ज़िम्मेदारी है। ऐसे में क्या कल्पना सोरेन राजनीतिक तौर पर इस बोझ का वहन कर पाएंगी या नहीं।
कल्पना सोरेन के साथ सिंपैथी भी है कि उनके पति को जेल में डाल दिया गया है। इंडिया गठबंधन की ओर से लगातार यह बातें भी कहीं जा रही हैं। ऐसे में क्या कल्पना सोरेन के लिए जीत का रास्ता आसान होगा या फिर भाजपा ने जिस प्रत्याशी को टिकट दिया है उनका पलड़ा भारी होगा।