Babulal Marandi Jharkhand Government

उत्पाद सिपाही में मृतक के परिजन को बाबूलाल ने दिया एक लाख रुपए की सहायता राशि।

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बाबूलाल मरांडी ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की

झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ओरमांझी प्रखंड स्थित जिराबार गांव में उत्पाद सिपाही दौड़ में शामिल मृतक अजय कुमार महतो के परिजनों से मुलाकात की। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री और सांसद आदित्य साहू भी उपस्थित थे। मरांडी ने असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया और मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

भाजपा की ओर से एक लाख रुपए की सहायता

बाबूलाल मरांडी ने परिजनों को प्रदेश भाजपा की ओर से एक लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की। मरांडी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार संवेदनहीन है। युवाओं की मौत हो रही है, लेकिन सरकार बेफिक्र है। परिजनों की सुध लेने की भी राज्य सरकार को फुर्सत नहीं है।

नियमों के उल्लंघन पर सवाल

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने उत्पाद सिपाही की दौड़ में नियमों का उल्लंघन किया। जिससे अभ्यर्थियों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं की गई। नौजवान लंबी यात्रा करके सेंटर पहुंचे, रातभर जागकर लाइन में लगे। सुबह धूप में उन्हें दौड़ाया गया। इसका सीधा असर नवजवानों के स्वास्थ्य पर पड़ा, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ा और शारीरिक क्षमता घट गई। फिर भी उन्हें दौड़ने के लिए मजबूर किया गया।

बहाली नियमावली का पालन न करने का आरोप

मरांडी ने कहा कि 2018 की बहाली नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि दौड़ के पहले अभ्यर्थियों की लिखित और शारीरिक जांच परीक्षा होनी चाहिए। जो इसमें सफल हों, उन्हें ही दौड़ में शामिल किया जाए। लेकिन इस सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि, एक घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ उत्पाद विभाग के सिपाही के लिए अव्यवहारिक है। इतनी अनिवार्यता तो सेना की बहाली में भी नहीं होती है।

इलाज में भी लापरवाही का आरोप

मरांडी ने आरोप लगाया कि अजय कुमार महतो के इलाज में भी लापरवाही बरती गई। दौड़ में बेहोश हो जाने पर परिजनों को सूचित किया गया, लेकिन उनके पिताजी जब उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने ले जाना चाहते थे, तो उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया। मरांडी ने राज्य सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए मांग की कि मृतकों के आश्रितों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

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