झारखंड सरकार ने स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा PGT पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। यह कार्यक्रम 3 जुलाई 2024 को निर्धारित था, जिसमें 1500 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाना था।
हिमंत विश्व सरमा की प्रतिक्रिया
झारखंड विधान सभा चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री, डॉ. हिमंत विश्व सरमा ने अपने एक्स हैडल के माध्यम से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “झारखंड में पीजीटी का स्थगित होना राज्य के लाखों युवाओं की जीत है। अंततः सरकार को युवाओं की मांग को स्वीकार करते हुए इसे स्थगित करना पड़ा। नियुक्तियां फ्री और फेयर की जाएं और मामले की जांच सीबीआई करे।”
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का बयान
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने अपने एक्स हैडल के माध्यम से कहा कि “सिर्फ स्थगन नहीं, सीबीआइ जांच व कड़ी कार्रवाई जरूरी है। युवाओं के भविष्य से झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार को खेलने नहीं दिया जायेगा। राज्य के लाखों युवाओं के हक और अधिकार की लड़ाई जारी रहेगी।”
भारतीय जनता पार्टी की मांग
अमर कुमार बाउरी ने कहा, “झारखंड के लाखों छात्रों की जीत है कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम स्थगित हुआ है। इस मामले की जांच राज्य सरकार को सीबीआई से करवानी ही होगी। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़, किसी भी तरह की नियुक्ति में घोटाला भारतीय जनता पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं करवाई, तो भारतीय जनता पार्टी सड़क से सदन तक की लड़ाई चरणबद्ध तरीके से लड़ेगी।”
भारतीय जनता पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
छात्र आंदोलन और सरकार की प्रतिक्रिया
इस परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्र धरना पर बैठे हैं। सरकार के निर्णय के बाद यह स्पष्ट होता है कि, राज्य में बड़ी साजिश के तहत नियुक्ति घोटाला झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार के संरक्षण में अंजाम दिया गया है। भाजपा ने मांग की है कि, राज्य सरकार इस नियुक्ति घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे और सेटिंग करने और करवाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे।