शांतिपूर्ण प्रदर्शन छात्रों का संवैधानिक अधिकार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयूजे) के छात्रों पर दर्ज मामलों को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर छात्र का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन सरकार द्वारा उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज करना यह दर्शाता है कि सरकार छात्रों में भय का माहौल बनाना चाहती है।
छात्रों पर लाठीचार्ज और गंभीर धाराओं में केस दर्ज
साह ने कहा कि साथी छात्र की मृत्यु के मामले में छात्रों ने सिर्फ रांची के डीसी से मिलने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इसके बदले उन्हें लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा और उन पर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए गए। उन्होंने बताया कि लगभग 15-20 छात्रों के नाम से और 150 से अधिक अज्ञात छात्रों के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं, जैसे वे झारखंड के छात्र नहीं बल्कि कोई आतंकवादी हों।
जेएमएम सरकार पर छात्रों को डराने का आरोप
अजय साह ने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सरकार छात्र आंदोलनों को दबाने के लिए डर का माहौल बना रही है। सरकार छात्रों से किए गए वादों को पूरा करने में असफल हो रही है, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि भविष्य में बड़े छात्र आंदोलन की संभावना है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार आगामी जन आंदोलनों को कुचलने की पहले से ही तैयारी कर रही है।
छात्रों पर कठोर कार्रवाई से भविष्य संकट में
हेमंत सरकार से अपील करते हुए साह ने कहा कि अपने ही प्रदेश के छात्रों के खिलाफ इतना कठोर रवैया अपनाना उचित नहीं है। सरकार को छात्रों के प्रति उदारता दिखानी चाहिए। यदि कुछ छात्र उग्र भी हो गए थे, तो उनसे माफीनामा लेकर या अभिभावकों से संवाद कर मामला सुलझाया जा सकता था। उन्होंने चेतावनी दी कि बीएनएस की धारा 121(1) जैसी संगीन धाराओं के तहत मामले दर्ज करने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव पूरे झारखंड पर पड़ेगा।