बच्चों की शिक्षा और पोषण की व्यवस्था
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद पाँच बेसहारा बच्चों की शिक्षा, राशन, और पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही, बच्चों की देखभाल कर रही उनकी नानी के लिए पेंशन स्वीकृत कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने चाईबासा के उपायुक्त को निर्देश दिया था कि पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए और बच्चों की पढ़ाई के लिए समुचित प्रबंध किया जाए।
उपायुक्त द्वारा की गई कार्रवाई
चाईबासा उपायुक्त के अनुसार, प्रखंड विकास पदाधिकारी ने असुरा गांव जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस दौरान यह जानकारी सामने आई कि बच्चों के पास न तो आधार कार्ड है और न ही जन्म प्रमाण पत्र। बुजुर्ग नानी पहले पेंशन प्राप्त कर रही थीं, लेकिन वह किसी कारणवश बंद हो गई थी और पेंशन से संबंधित दस्तावेज भी गुम हो गए थे।
तत्काल उठाए गए कदम:
- सभी बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र और आधार पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
- चार माह के शिशु का पालन उसकी चाची द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी से पोषक आहार उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है।
- तीन बच्चों का नामांकन स्थानीय विद्यालय में और एक का नामांकन आंगनबाड़ी में करवाया जा रहा है।
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज अद्यतन किए जा रहे हैं।
घटना का विवरण
पश्चिमी सिंहभूम जिले के झींकपानी प्रखंड स्थित असुरा गांव में साहू पूर्ति और दुखी पूर्ति की 24 नवंबर 2024 को मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद उनके पाँच बच्चे बेसहारा हो गए। बच्चों की देखभाल उनकी बुजुर्ग नानी कर रही हैं, जो सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित थीं। इस मामले की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया।