PESA अनुरूप झारखंड पंचायती राज अधिनियम में संशोधन की मांग
झारखंड जनाधिकार महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह से मुलाकात कर PESA अधिनियम के अनुरूप झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 में संशोधन की मांग की। इस दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव भी प्रतिनिधिमंडल के साथ मौजूद थीं। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी सुझावों पर विचार कर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
PESA के अनुरूप ग्राम सभा को सशक्त बनाने की जरूरत
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को बताया कि अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत व्यवस्था को ग्राम सभा केंद्रित बनाना आवश्यक है। वर्तमान झारखंड पंचायती राज अधिनियम (JPRA), 2001 में ग्राम सभा और पारंपरिक स्वशासन के कई महत्वपूर्ण प्रावधानों की कमी है। उदाहरण के लिए:
- सामुदायिक संसाधनों का मालिकाना हक
- भूमि अधिग्रहण से पहले ग्राम सभा की अनुमति
- गौण खनिज व वन उपज पर ग्राम सभा का अधिकार
- अवैध भूमि हस्तांतरण को रोकने की शक्ति
- स्थानीय बाजारों और साहूकारी पर नियंत्रण
PESA नियमावली के ड्राफ्ट में गंभीर त्रुटियाँ
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को PESA नियमावली के मौजूदा ड्राफ्ट की खामियों से भी अवगत कराया। इसमें ग्राम सभा को स्वायत्त अधिकार देने के बजाय उपायुक्त को निर्णायक भूमिका दी गई है। साथ ही, सामुदायिक संसाधनों पर ग्राम सभा के मालिकाना अधिकार की भी स्पष्ट व्याख्या नहीं की गई है।
झारखंड जनाधिकार महासभा की मुख्य मांगें
- PESA अनुरूप झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 में संशोधन किया जाए।
- PESA नियमावली के ड्राफ्ट में सुधार कर इसे मूल भावना के अनुसार बनाया जाए।
- इस प्रक्रिया में आदिवासी समुदाय, पारंपरिक स्वशासन प्रणाली के प्रतिनिधियों और जन संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
- PESA अनुरूप संशोधनों के सुझाव देने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए।
चुनावी वादों की याद दिलाई
महासभा ने मंत्री को गठबंधन सरकार द्वारा किए गए चुनावी वादों को भी याद दिलाया और उनके शीघ्र क्रियान्वयन की मांग की। प्रमुख वादे इस प्रकार हैं:
- लैंड बैंक और भूमि अधिग्रहण संशोधन, 2017 को रद्द किया जाए।
- झारखंडी जनाकांक्षाओं के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति लागू की जाए।
- जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया सरल बनाई जाए।
- आंगनबाड़ी व मध्याह्न भोजन में रोज अंडा शामिल किया जाए।
- मनरेगा समेत सभी सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख सदस्य
इस बैठक में दिनेश मुर्मू, सिसिलिया लकड़ा, एलिना होरो, रिया तुलिका पिंगुआ, सिराज और टॉम कावला समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।