झारखंड की बदलती डेमोग्राफी पर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का बयान
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने झारखंड में तेजी से बदल रही डेमोग्राफी पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे राज्य की संप्रभुता और आदिवासी-मूलवासियों की अस्मिता के लिए गंभीर खतरा बताया है।
बाउरी ने कहा कि:
- झारखंड में डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है।
- खासकर संताल क्षेत्र में, बंगाल से सटे जिलों में, भारी घुसपैठ हो रही है।
- यह माटी, रोटी, बेटी की अस्मिता पर गंभीर संकट खड़ा कर रहा है।
भाजपा का दावा और सरकार की उदासीनता
- भाजपा ने इस मुद्दे को हमेशा उठाया है, जबकि जेएमएम, कांग्रेस और राजद ने इसे खारिज किया।
- उच्च न्यायालय ने भी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी में बदलाव की पुष्टि की है।
- अदालत ने 6 जिलों के डीसी और एसपी से सीधे रिपोर्ट मांगी है।
तुष्टिकरण की राजनीति और राज्य सरकार की विफलता
- राज्य सरकार वोटबैंक की राजनीति में घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है।
- सरकार ने अदालत में सही रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की।
- उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामा को खारिज किया।
केंद्र की भूमिका और एनआरसी की मांग
- केंद्र सरकार ने माना है कि झारखंड में घुसपैठ एक बड़ा खतरा है।
- बांग्लादेशी घुसपैठ से आदिवासियों की अस्मिता को खतरा है।
- केंद्र ने झारखंड में NRC लागू करने की बात कही है।
एसपीटी एक्ट का उल्लंघन और अवैध मदरसे
- पाकुड़ और साहेबगंज में एसपीटी एक्ट का उल्लंघन हो रहा है।
- अवैध मदरसे बनाकर जाली दस्तावेजों के जरिए जमीनें खरीदी जा रही हैं।
- आधार कार्ड केवल पहचान पत्र है, नागरिकता का प्रमाण नहीं।
जनसंख्या में बदलाव और आंकड़े
- 1961 में संथाल परगना में हिंदू जनसंख्या 90.37% थी, जो 2011 में घटकर 67.95% रह गई।
- 2011 में मुस्लिम आबादी बढ़कर 22.73% हो गई।
- पूरे देश में हिंदुओं की जनसंख्या में 4.28% की गिरावट आई, जबकि संथाल परगना में यह गिरावट 22.42% रही।
उच्च न्यायालय के निर्देश और कमिटी का गठन
- उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कमिटी बनाने का निर्देश दिया है।
- कमिटी के लिए नाम का चयन न्यायालय करेगा।
- अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
भाजपा की मांग और लोकतंत्र की रक्षा
- भाजपा ने राज्य सरकार से गंभीरता दिखाने की मांग की है।
- सरकारी पदाधिकारियों को राजनीति में नहीं उलझाया जाना चाहिए।
- लोकतंत्र को बचाने के लिए न्यायपालिका, कार्यपालिका, और विधायिका को अपना काम करने देना चाहिए।