नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने जताई चिंता।

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नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी पर स्पीकर की चिंता, भाजपा ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने सर्वदलीय बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन का सुचारू संचालन कठिन होता है और इससे आसन को भी असुविधा होती है। उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

भाजपा ने बताया राजनीति से प्रेरित बयान

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने स्पीकर के बयान को राजनीति से प्रेरित करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत की संसदीय प्रणाली में विधानसभा अध्यक्ष का विशेष संवैधानिक महत्व होता है और उन्हें निष्पक्ष रहकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के Kihoto Hollohan बनाम Zachillhu मामले का हवाला देते हुए कहा कि स्पीकर की शक्तियों को संविधान के बुनियादी ढांचे से जोड़ा गया है।

पिछली विधानसभा का मुद्दा उठाया

साह ने कहा कि पिछली विधानसभा में स्पीकर ने भाजपा द्वारा नामित नेता प्रतिपक्ष पर चार वर्षों तक निर्णय नहीं लिया था, जबकि अब वे इसी मुद्दे पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित करार देते हुए कहा कि स्पीकर अब भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं, जो हास्यास्पद है।

स्पीकर की निष्पक्षता पर उठे सवाल

अजय साह ने कहा कि भाजपा संसदीय परंपराओं को भली-भांति समझती है और सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने में सक्षम है। उन्होंने स्पीकर से अपेक्षा की कि वे दलीय राजनीति से ऊपर उठकर निष्पक्षता बरतें। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि रविंद्र नाथ महतो का पिछला कार्यकाल भी विवादों में घिरा रहा था और उनके नए कार्यकाल की शुरुआत में ही उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर को अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के प्रति।

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