जयराम महतो को झारखंड का सबसे प्रभावशाली नेता मानते हैं लोग, News Monitor के पोल में मिले 83% वोट
मुख्य बिंदु:
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News Monitor यूट्यूब चैनल पर हुआ ऑनलाइन पोल
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कुल 1.3K वोटिंग में जयराम महतो को मिले 83% वोट
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिले सिर्फ 11% वोट
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बाबूलाल मरांडी और सुदेश महतो को बहुत कम समर्थन
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जनता की सोच में बड़ा बदलाव या नई राजनीतिक लहर?
News Monitor के पोल में जयराम महतो को मिला भारी जनसमर्थन
झारखंड की राजनीति में एक बार फिर से दिलचस्प मोड़ देखने को मिल रहा है। News Monitor यूट्यूब चैनल द्वारा कराए गए ताज़ा ऑनलाइन पोल के अनुसार, जयराम महतो को राज्य का सबसे प्रभावशाली नेता माना गया है। इस पोल में कुल 1.3 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें जयराम महतो को भारी बहुमत – 83% वोट मिले।
यह परिणाम कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों को चौंकाने वाला लग सकता है, लेकिन इसके पीछे जमीनी समर्थन और जनता की बदलती सोच अहम भूमिका निभा रही है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिले 11% वोट, बाबूलाल मरांडी 4% पर
राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं, उन्हें इस पोल में 11% वोट प्राप्त हुए। यह दर्शाता है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल को लेकर जनता में कुछ असंतोष हो सकता है, या फिर जयराम महतो जैसे नए चेहरों के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
इसी पोल में भाजपा नेता और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को सिर्फ 4% वोट मिले। यह आंकड़ा उनके जनाधार में गिरावट का संकेत भी हो सकता है।
सुदेश महतो का प्रदर्शन बेहद कमजोर, सिर्फ 2% वोट
पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो को इस पोल में सिर्फ 2% वोट प्राप्त हुए। यह उनके लिए बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि वे लंबे समय से झारखंड की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
सवाल उठता है कि क्या आजसू पार्टी की नीतियां और जनसंपर्क की रणनीति अब जनता को प्रभावित नहीं कर पा रही हैं?
जयराम महतो को मिल रही अभूतपूर्व लोकप्रियता
जयराम महतो, जो हाल के वर्षों में छात्र आंदोलनों, बेरोजगारी के मुद्दों, और स्थानीय स्वाभिमान से जुड़े विषयों पर मुखर होकर उभरे हैं, उन्हें सोशल मीडिया और युवा वर्ग में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कई मौकों पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं और जनहित से जुड़े मुद्दों पर आवाज बुलंद की है।
पोल में 83% वोट हासिल करना दिखाता है कि जयराम महतो का संदेश जनता तक पहुँच रहा है और उनकी छवि एक मजबूत और साहसी जननेता के रूप में बन रही है।
क्या यह नया राजनीतिक समीकरण है?
झारखंड की राजनीति में अब तक मुख्य रूप से जेएमएम, बीजेपी, और आजसू जैसे दलों का वर्चस्व रहा है। लेकिन जयराम महतो के पक्ष में आए इस जबरदस्त जनसमर्थन को अगर जमीन पर भी समर्थन मिल गया, तो यह राज्य की सियासी तस्वीर बदल सकता है।
विशेष रूप से युवा वर्ग और छात्र समुदाय में जयराम महतो की लोकप्रियता, उन्हें भविष्य का एक संभावित मुख्यमंत्री चेहरा बना सकती है।
सोशल मीडिया और डिजिटल राजनीति का प्रभाव
इस पोल का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि यह यूट्यूब पर आयोजित किया गया था, जहां युवा वर्ग की भागीदारी अधिक होती है। जयराम महतो ने अपने अभियानों में सोशल मीडिया का सक्रिय उपयोग किया है, जिससे उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर व्यापक समर्थन मिला है।
वहीं पारंपरिक राजनेता जैसे हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी और सुदेश महतो सोशल मीडिया पर अपेक्षाकृत कम सक्रिय दिखाई देते हैं, जो उनके जनसमर्थन में गिरावट का एक कारण हो सकता है।
जयराम महतो का अगला कदम क्या होगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जयराम महतो इस लोकप्रियता को एक राजनीतिक आंदोलन या दल में परिवर्तित करते हैं, या स्वतंत्र रूप से अपने मुद्दों पर मुखर रहेंगे। वह 2029 विधानसभा चुनाव में उतरते हैं, तो उनका प्रदर्शन सभी दलों की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
News Monitor के इस पोल ने झारखंड की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है। जयराम महतो का नाम अब सिर्फ एक आंदोलनकारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह अब एक मजबूत राजनीतिक विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। इस पोल ने यह भी दिखा दिया कि झारखंड की जनता अब नई सोच और नेतृत्व की तलाश में है।