झारखंड में पेपर लीक का मामला गंभीर, छात्रों में आक्रोश
झारखंड में बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इससे राज्यभर के छात्रों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। झारखंड अधिविध परिषद (JAC) द्वारा संचालित 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में पेपर लीक के मामले को लेकर जेएलकेएम के वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने आज महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मांग पत्र और पेपर लीक का ठोस सबूत पेन ड्राइव में सौंपा।
देवेंद्रनाथ महतो ने रखीं ये प्रमुख मांगें
- सीबीआई जांच – पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई – मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कर दोषियों पर त्वरित कार्रवाई हो।
- श्वेत पत्र जारी हो – शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को पेपर लीक मामले पर श्वेत पत्र जारी करने का निर्देश दिया जाए।
- जैक अध्यक्ष और सचिव निलंबित हों – विवादित वर्तमान जैक अध्यक्ष और सचिव को अयोग्य घोषित कर निलंबित किया जाए।
- जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति – तत्काल जेपीएससी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की जाए।
- जेपीएससी घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई – JPSC-1 और JPSC-2 में चार्जशीटेड अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराई जाए।
राज्य में पेपर लीक बन चुकी है परंपरा – महतो
देवेंद्रनाथ महतो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि झारखंड में पेपर लीक एक परंपरा बन गई है। सरकार के अधिकारियों के सहयोग से पेपर लीक गिरोह सक्रिय है, जो राज्य के मेधावी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है।
जैक को पहले ही दी गई थी जानकारी
महतो ने बताया कि उन्होंने 19 फरवरी 2025 को ही जैक सचिव को पत्र संख्या 69/feb/25 के माध्यम से परीक्षा प्रश्न पत्र लीक का ठोस सबूत सौंप दिया था। लेकिन जैक बोर्ड ने इसे नजरअंदाज करते हुए 19 फरवरी 2025 को ही पत्र संख्या 8/25 के माध्यम से कानूनी कार्रवाई की धमकी जारी कर दी।
हालांकि, जब 20 फरवरी 2025 को परीक्षा केंद्र पर विज्ञान विषय का प्रश्न पत्र हूबहू लीक पाया गया, तब छात्रों ने जैक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान झारखंड बंद और राज्यव्यापी चक्का जाम आंदोलन की घोषणा की गई। इसके दबाव में आकर जैक बोर्ड ने 20 फरवरी को ही हिंदी और विज्ञान विषय की परीक्षा रद्द कर दी।
पेपर लीक माफिया का नेटवर्क सक्रिय
महतो ने यह भी खुलासा किया कि पेपर लीक माफिया लालच में इतना गिर चुका है कि उसने मैट्रिक का पेपर मात्र 200-300 रुपये में बेचा। उन्होंने कहा कि पांच दिन बीतने के बावजूद पेपर लीक के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
राज्यपाल से मुलाकात करने वाले प्रमुख छात्र नेता
राज्यपाल से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में देवेंद्रनाथ महतो, चंदन कुमार रजक, सुहानी कुमारी, खगेंद्रनाथ महतो और प्रदीप कुमार शामिल रहे।
इसके साथ ही उन्होंने राज्यपाल को वर्तमान जैक अध्यक्ष और सचिव की विवादित सर्विस बुक से संबंधित साक्ष्य भी सौंपे। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाते हैं।