टेंडर कमीशन घोटाला मामले में आज आईएएस अधिकारी और ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन से पूछताछ होगी। पिछले दिनों ही केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा था। आपको बता दें कि, इस मामले में विभागीय मंत्री आलमगीर आलम को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले उनके आप्त सचिव संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। मंत्री आलमगीर आलम फिलहाल ईडी की रिमांड पर हैं।
खास बात यह है कि, इस मामले में पहली गिरफ्तारी 6 मई को हुई थी जब ई़डी ने संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में 32 करोड़ रुपए से अधिक की बरामदगी हो चुकी है। इसके साथ ही कई बिल्डर और कारोबारी के यहां भी दबिश डाली गई है।
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि, यह पूरा घोटाला 3000 करोड रुपए का हो सकता है। पूछताछ में अभी तक जो जानकारी मिली है उसमें ऊपर से लेकर के नीचे तक कमीशन का पैसा जाता था। इसी क्रम में पूर्व विभागीय सचिव मनीष रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईडी का मानना है कि, इस मामले में टेंडर कमीशन का पैसा कई आईएएस अधिकारियों को भी पहुंचा है।
इस बीच कल यह खबर भी आई की टेंडर कमीशन घोटाला मामले में मंत्री हाफिजुल हसन और मंत्री बादल पत्रलेख से भी पूछताछ होगी। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि इसकी नहीं हो पाई। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने समन मिलने की खबरों का खंडन किया है। साथ ही मीडिया में इस तरह की खबरों को चलाए जाने पर भी सख्त आपत्ति दर्ज की है।
बहरहाल, टेंडर कमीशन घोटाला मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। विभागीय मंत्री के साथ ही अब आईएएस अधिकारी मनीष रंजन से पूछताछ होने जा रही है। साथ ही दो मंत्रियों हफीजुल हसन और बादल पत्र लेख पर भी खतरा मंडराने लगा है। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा का मानना है कि, ईडी भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही निशाना बनाया जा रहा है जो ठीक नहीं है। आपको पता है कि, इस बीच झारखंड में 25 मई को तीसरे चरण का मतदान होने जा रहा है। इससे पहले ईडी ने अपनी दबिश और बढ़ा दी है।