झारखंड महिला सम्मान योजना में बाहरियों की घुसपैठ, राज्य स्तरीय जांच शुरू.

झारखंड/बिहार ताज़ा ख़बर विधानसभा चुनाव

मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, पूरे राज्य में जांच के आदेश

मुख्य बिंदु:

घाटशिला क्षेत्र में 172 फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

महिला आधारित योजना का लाभ उठा रहे थे 40 पुरुष

अधूरे आवेदन और फर्जी दस्तावेजों पर मिला लाभ

पूरे राज्य में योजना की व्यापक जांच के निर्देश

लाभुकों के बैंक खातों को आधार से लिंक कराने का अभियान पहले ही चल चुका है



फर्जी लाभार्थियों की पहचान, विभाग में हड़कंप

झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना को लेकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक विजय सिंह ने इस योजना में गड़बड़ियों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पूरे राज्य में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

जांच की शुरुआत पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला और आसपास के इलाकों से हुई, जहां 172 ऐसे लाभार्थी सामने आए जो बिहार और बंगाल के निवासी हैं, लेकिन उन्होंने झारखंड की इस योजना का लाभ लिया। यही नहीं, 40 पुरुषों को भी इस महिला-विशेष योजना का लाभ लेते हुए पकड़ा गया, जिससे पूरे विभाग के होश उड़ गए।

अधूरे और फर्जी दस्तावेजों पर मिल रहा था लाभ

विभाग को शक है कि योजना की शुरुआत में ही बड़ी संख्या में गलत दस्तावेजों और अधूरे आवेदनों के आधार पर लोगों ने इसका लाभ उठाया। अब उन सभी पुराने लाभार्थियों की भी जांच होगी, जिन्होंने शुरू में इस योजना से जुड़कर पैसे प्राप्त किए हैं।

डुप्लीकेसी रोकने की कवायद पहले भी हो चुकी है

इससे पहले विभाग ने योजना से जुड़े लाभार्थियों के बैंक खातों को आधार से लिंक कराने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया था। विभिन्न जिलों में कैंप लगाकर लाभुकों को इस प्रक्रिया से जोड़ा गया। इसके बावजूद अब फर्जीवाड़े के नए मामले सामने आने से विभाग की परेशानी बढ़ गई है।

विभाग पहले से ही डुप्लीकेट और अपात्र लाभार्थियों को रोकने के लिए लगातार प्रयास करता रहा है, लेकिन हालिया घटनाएं बताती हैं कि जमीनी स्तर पर निगरानी और मजबूत करने की जरूरत है।

हर माह मिल रही है ₹2,500 की सहायता राशि

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को पहले ₹1,000 की सहायता दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर अब ₹2,500 प्रतिमाह कर दिया गया है। यह राशि सीधे लाभुकों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

योजना का उद्देश्य विधवाओं, परित्यक्ताओं और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहारा देना है, लेकिन फर्जीवाड़े की वजह से सचमुच जरूरतमंद महिलाओं को योजना से बाहर होने का खतरा भी बढ़ गया है।

अब क्या होगा?

राज्य भर में आदेश के बाद सभी जिलों में संबंधित अधिकारियों को लाभार्थियों की पहचान, दस्तावेजों की पुनः जाँच, और संदिग्ध मामलों की रिपोर्टिंग के निर्देश दिए गए हैं। जांच पूरी होने के बाद ही तय होगा कि कितने लोग वाकई पात्र हैं और कितनों को इस योजना से बाहर किया जाएगा।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना में सामने आए फर्जीवाड़े ने सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि विभाग की सक्रियता से उम्मीद है कि जल्द ही असली लाभुकों को न्याय मिलेगा और फर्जी लाभार्थियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *