मुख्य बिंदु-
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बाबूलाल मरांडी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई।
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चाकुलिया में 3,000 मुस्लिम बच्चों का आधार कार्ड बनवाने का मामला सामने आया।
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घुसपैठियों को मस्जिदों और मदरसों में शरण देकर अवैध दस्तावेज़ तैयार करने का आरोप।
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हेमंत सोरेन सरकार पर घुसपैठ की जांच रोकने का आरोप, वोट बैंक की राजनीति का आरोप।
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भाजपा ने झारखंड की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए घुसपैठ के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।
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मरांडी ने झारखंड को मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे हालातों से बचाने की बात कही।
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हेमंत सरकार को घुसपैठियों के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर कदम उठाने की जरूरत।
बाबूलाल मरांडी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर हेमंत सरकार को घेरा, कहा- झारखंड की सुरक्षा को खतरा
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के बढ़ते खतरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए संथाल परगना से लेकर अब कोल्हान क्षेत्र में भी तेजी से बसते जा रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया और राज्य की आंतरिक सुरक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त की।
चाकुलिया में आधार कार्ड से जुड़ा मामला
बाबूलाल मरांडी ने चाकुलिया के एक गांव का उदाहरण देते हुए बताया कि जहां पहले कोई भी मुस्लिम परिवार नहीं था, वहां अब 3,000 मुस्लिम बच्चों के आधार कार्ड बनाए जाने का मामला सामने आया है। यह घटना झारखंड की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है। मरांडी के अनुसार, यह बात राज्य की सुरक्षा के लिहाज से न केवल चिन्ताजनक है, बल्कि इसे तत्काल जांच के दायरे में लाना आवश्यक है।
उन्होंने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह स्पष्ट रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों के झारखंड में अवैध दस्तावेज़ बनवाने के एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। मरांडी का आरोप था कि इन घुसपैठियों को मस्जिदों और मदरसों में शरण देकर उनका अवैध दस्तावेज़ तैयार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घुसपैठ से झारखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

हेमंत सरकार पर निशाना
बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को भी घेरते हुए कहा कि इसके बावजूद जब ऐसी घुसपैठ की जानकारी कई बार सामने आ चुकी है, तब भी हेमंत सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है और बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक चली जाती है। उनका आरोप था कि सरकार वोट बैंक और सत्ता के लालच में इस गंभीर मुद्दे पर चुप रहती है, जो झारखंड के नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

मरांडी ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के बढ़ते मामले राज्य के लिए “बारूद के ढेर” के समान हो सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि समय रहते इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो झारखंड भी मालदा और मुर्शिदाबाद जैसी स्थितियों का सामना कर सकता है, जहां घुसपैठियों की संख्या बेहद बढ़ चुकी है और स्थानीय समस्याएं गंभीर रूप ले चुकी हैं।
बीजेपी का रुख
भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी झारखंड की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए घुसपैठ के खिलाफ अपनी निर्णायक लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने राज्यवासियों से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और किसी भी प्रकार के बाहरी घुसपैठियों को राज्य में शरण नहीं लेने दें। मरांडी ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का बढ़ता हुआ प्रभाव झारखंड की शांति, सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है, और इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
वोट बैंक की राजनीति का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने राज्य में वोट बैंक की राजनीति को लेकर भी हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि झामुमो और कांग्रेस की सरकार इस घुसपैठ की जांच रुकवाने में लगी हुई है, क्योंकि उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठियों से अपने वोट बैंक को समर्थन मिलने का डर है। उन्होंने कहा कि यह केवल और केवल सत्ता के लालच का खेल है, जिससे राज्यवासियों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई है।
मरांडी का यह भी कहना था कि झारखंड सरकार की उदासीनता और इस पर कोई ठोस कदम न उठाने से राज्य में असमंजस की स्थिति बन गई है। उन्होंने इसे राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर समस्या बताया और यह स्पष्ट किया कि भाजपा इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाएगी।
मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे उदाहरण
मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे इलाकों का उदाहरण देते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इन क्षेत्रों में बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण कई तरह की सामाजिक और सुरक्षा समस्याएँ पैदा हो चुकी हैं। इन इलाकों में घुसपैठियों की संख्या अत्यधिक बढ़ चुकी है, जिसके कारण स्थानीय राजनीति में अस्थिरता पैदा हो रही है। मरांडी ने यह चेतावनी दी कि अगर इसी तरह घुसपैठियों के आने का सिलसिला जारी रहा, तो झारखंड में भी ऐसे ही हालात बन सकते हैं।
बाबूलाल मरांडी के आरोपों और चिंताओं को लेकर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। भाजपा ने इसे एक गंभीर सुरक्षा मुद्दा बताया है, जबकि राज्य सरकार इसे लेकर किसी ठोस कदम को उठाने में पीछे हट रही है। अब यह देखना होगा कि हेमंत सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या झारखंड में घुसपैठियों के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाया जाएगा या नहीं।